
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्याना हिंसा मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट ने 32 अभियुक्तों को जमानत दे दी। यह हिंसा 3 दिसंबर 2018 को चिंगरावठी इलाके में हुई थी, जिसमें स्याना कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक अन्य युवक की हत्या कर दी गई थी। हिंसा के दौरान आगजनी और बवाल भी हुआ था।
मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार, पुलिस ने इस घटना के बाद कुल 44 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामले की सुनवाई के दौरान कई अभियुक्तों की मृत्यु भी हो गई। इस हिंसा में जिला पंचायत सदस्य योगेश राज और निशज पार्टी से जुड़े नेता शिखर अग्रवाल भी आरोपी थे।
सजा और हाईकोर्ट का फैसला:
- बुलंदशहर की अदालत ने 2 अगस्त 2025 को फैसला सुनाते हुए 5 आरोपियों को उम्रकैद और 33 अन्य आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई थी। यह जिले के इतिहास में पहली बार था, जब एक ही मामले में 38 आरोपियों को एक साथ सजा दी गई।
- अब हाईकोर्ट ने 32 आरोपियों की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। इनमें से योगेश राज पहले ही हाईकोर्ट से 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत प्राप्त कर चुके हैं।
कानूनी विशेषज्ञों की राय:
सिविल बार के अधिवक्ता ब्रूनो भूषण के अनुसार, हाईकोर्ट ने अभियुक्तों की जमानत देते हुए उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत राहत दी है। जमानत मिलने के बाद अभियुक्तों की नजर आगामी अपीलों और सुनवाई पर होगी।