
भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना यानी ‘काका’ के करियर और उनके रिश्तों की कई कहानियां आज भी फैंस के लिए दिलचस्प हैं। इनमें से एक खास रिश्ता था संजीव कुमार के साथ। दोनों ने थिएटर के दिनों में साथ काम किया, लेकिन उनकी दोस्ती कभी पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाई।
थिएटर से शुरू हुई दूरी:
राजेश खन्ना और संजीव कुमार दोनों इंडियन थिएटर एसोसिएशन के सदस्य थे। संजीव कुमार अपनी वर्सेटाइल एक्टिंग के लिए मशहूर थे, जबकि राजेश खन्ना थिएटर में छोटे-मोटे रोल करते थे और फिल्मों में जल्दी करियर बनाने की चाह रखते थे। एक कॉलेज फेस्ट में राजेश खन्ना को ‘बेस्ट एक्टर’ का अवॉर्ड मिला, लेकिन संजीव कुमार ने इस खुशी की पार्टी में शामिल नहीं होकर पहले ही दूरी बढ़ा दी।
अंजू महेंद्रू और बढ़ी दूरी:
राजेश खन्ना का एक समय अंजू महेंद्रू के प्रति प्यार भी संजीव कुमार के साथ उनके रिश्ते में खटास का कारण बना। राजेश को शक था कि अंजू और संजीव की दोस्ती कुछ और रूप ले रही है। इस वजह से सेट पर भी उन्होंने संजीव से बातचीत नहीं की, और यह दूरी समय के साथ और बढ़ गई।
फिल्मों में संघर्ष और कास्टिंग:
1969 में फिल्म ‘बंधन’ में राजेश खन्ना और संजीव कुमार के साथ अंजू महेंद्रू भी थीं। इसके बाद राजेश खन्ना भारत के पहले सुपरस्टार बने, जबकि संजीव कुमार ने वर्सेटाइल रोल्स निभाकर अपनी पहचान बनाई। कई बार फिल्मों में कास्टिंग और रोल्स के कारण भी उनकी आपसी दूरी बनी रही।
अंतिम विदाई में भावुक हुए काका:
हालांकि, 1985 में महज 47 साल की उम्र में संजीव कुमार के निधन के बाद राजेश खन्ना अपने साथी की अंतिम विदाई देने पहुंचे। उस दिन काका की आंखें नम थीं, और उन्होंने मौन रहकर सिर्फ अपने साथी को एकटक देखा।
राजेश खन्ना और संजीव कुमार का रिश्ता हमें दिखाता है कि सफलता और जलन के बीच भी इंसानी भावनाओं का अपना महत्व होता है। यह कहानी आज भी फिल्म इंडस्ट्री के संघर्ष और इंसानी संवेदनाओं की मिसाल के रूप में याद की जाती है।