
साल 2025 डिजिटल दुनिया के लिए जितना अहम रहा, उतना ही चेतावनी भरा भी साबित हुआ। इंटरनेट, सोशल मीडिया, गेमिंग, स्ट्रीमिंग और क्लाउड सर्विसेज़ हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी की रीढ़ बन चुकी हैं, लेकिन इसी साल सामने आईं कुछ बड़ी तकनीकी खामियां, जिन्होंने यह दिखा दिया कि दुनिया आज मुट्ठी भर बड़ी टेक कंपनियों पर कितनी ज्यादा निर्भर हो चुकी है।
एक छोटी सी तकनीकी गड़बड़ी ने लाखों-करोड़ों यूजर्स को घंटों तक परेशान किया और कई बार तो पूरी इंटरनेट दुनिया ही ठप पड़ गई।
इंटरनेट टेस्टिंग कंपनी ऊकला की डाउनडिटेक्टर रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की सबसे बड़ी तकनीकी खामियां क्लाउड और नेटवर्क सर्विसेज़ से जुड़ी रहीं, जिनका असर एक साथ कई ऐप्स, वेबसाइट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर पड़ा।
- अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) की ऐतिहासिक खामी
20 अक्टूबर 2025 को अमेजन की क्लाउड सर्विस AWS में आई खराबी साल की सबसे बड़ी तकनीकी घटना साबित हुई।
डाउनडिटेक्टर पर 1.7 करोड़ से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं। अमेरिका के US-East-1 रीजन में डायनामोडीबी के ऑटोमेटेड DNS सिस्टम में आई गड़बड़ी करीब 15 घंटे तक चली।
इसका असर इतना व्यापक था कि स्नैपचैट, नेटफ्लिक्स और कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स बंद हो गईं। लाखों लोग न तो सोशल मीडिया चला पाए और न ही स्ट्रीमिंग या ऑनलाइन खरीदारी कर सके।
- प्लेस्टेशन नेटवर्क ठप, गेमिंग वर्ल्ड में हड़कंप
7 फरवरी 2025 को सोनी का प्लेस्टेशन नेटवर्क (PSN) पूरी तरह ठप हो गया।
इस दौरान 39 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं और समस्या 24 घंटे से ज्यादा बनी रही।
‘कॉल ऑफ ड्यूटी’ और ‘फोर्टनाइट’ जैसे लोकप्रिय ऑनलाइन गेम्स बंद हो गए। जांच में सामने आया कि यह समस्या किसी क्लाउड प्रोवाइडर की नहीं, बल्कि PSN की अंदरूनी तकनीकी गड़बड़ी थी। करोड़ों गेमर्स के लिए यह साल का सबसे बड़ा झटका साबित हुआ।
- क्लाउडफ्लेयर की खराबी से इंटरनेट पर ब्रेक
18 नवंबर 2025 को क्लाउडफ्लेयर की मुख्य क्लाउड सर्विस में आई खराबी ने इंटरनेट की रफ्तार ही थाम दी।
करीब 33 लाख शिकायतें दर्ज हुईं और समस्या पांच घंटे तक चली।
क्लाउडफ्लेयर दुनिया भर की वेबसाइट्स और ऐप्स को सुरक्षा और स्पीड मुहैया कराती है। इस एक खामी ने यह साफ कर दिया कि केंद्रीकृत क्लाउड सिस्टम पर अत्यधिक निर्भरता कितनी खतरनाक हो सकती है।
- ब्रिटेन में वोडाफोन का नेटवर्क ठप
13 अक्टूबर 2025 को ब्रिटेन में टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन की सेवाएं अचानक बंद हो गईं।
डाउनडिटेक्टर पर 8.33 लाख से ज्यादा शिकायतें सामने आईं। ब्रॉडबैंड, 4G और 5G सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं।
कंपनी के अनुसार, यह गड़बड़ी एक वेंडर पार्टनर की सॉफ्टवेयर त्रुटि के कारण हुई थी। लाखों लोग मोबाइल डेटा और होम इंटरनेट से वंचित रह गए।
सबक क्या है?
2025 की ये घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि तकनीक जितनी शक्तिशाली है, उतनी ही नाजुक भी।
एक छोटी तकनीकी चूक, और पूरी दुनिया ठहर सकती है।
यह साल टेक कंपनियों, सरकारों और यूजर्स—तीनों के लिए चेतावनी बनकर आया कि डिजिटल भविष्य को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए मजबूत वैकल्पिक सिस्टम और बेहतर तैयारी अब वक्त की जरूरत है।