
नई दिल्ली: साल 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए धैर्य और स्थिरता का वर्ष रहा। घरेलू और वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों के बावजूद, भारत की आर्थिक स्थिति कुल मिलाकर मजबूत बनी रही। दुनिया में व्यापार तनाव, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, रुपये की कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के असर से बाजार में कई बार उतार-चढ़ाव आए, लेकिन घरेलू निवेशकों की मजबूती और भरोसे ने बाजार को स्थिर बनाए रखा।
धीमी लेकिन स्थिर रफ्तार
कई सेक्टरों में मुनाफे की धीमी रफ्तार के बावजूद, शेयर बाजार अधिकांश समय सीमित दायरे में रहा। दिसंबर की शुरुआत तक निफ्टी ने 26,325 के नए शिखर को छू लिया, जो साल के अंत में भी सकारात्मक संकेत देता है।
फंडामेंटल्स पर ध्यान
2025 में मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स ने अलग-अलग प्रदर्शन दिखाया। निफ्टी मिडकैप 100 ने 6% का रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 उतार-चढ़ाव के बीच स्थिर नहीं रहा। विशेषज्ञों ने निवेशकों को वैल्यूएशन और फंडामेंटल्स पर ध्यान देने की सलाह दी।
नीतिगत समर्थन और घरेलू मांग
सरकार ने पूंजीगत खर्च से हटकर खपत बढ़ाने पर जोर दिया। GST 2.0, टैक्स में राहत और जरूरी चीजों पर करों में कटौती ने घरेलू मांग को बढ़ावा दिया। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कमी और पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराकर बाजार को सहारा दिया।
सकारात्मक सेक्टर प्रदर्शन
- डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर ने 50-70% की तेजी दिखाई।
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कैपिटल गुड्स में 40-55% उछाल।
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मेटल्स को वैश्विक मांग और कीमतों में मजबूती मिली।
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ऑटो और EV में 21-50% तेजी।
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टेलिकॉम में 30-45% मजबूत रिटर्न।
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फाइनैंशल सेक्टर, विशेषकर PSU बैंक और चुनिंदा NBFCs ने मजबूत प्रदर्शन किया।
प्राइमरी मार्केट और निवेशकों का भरोसा
2025 में 90+ IPOs जारी हुए और 1.77 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। न्यू एज कंपनियों ने निवेशकों का ध्यान खींचा और भारत में बिजनेस माहौल पर भरोसा बढ़ाया।
साल का सबक
रिटेल निवेशकों के लिए संदेश साफ है:
- अनुशासन बनाए रखें
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क्वॉलिटी बिजनेस पर ध्यान दें
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लंबी अवधि के निवेश पर फोकस करें
साल 2025 ने साबित किया कि सही रणनीति और धैर्य से भारतीय बाजार वैश्विक चुनौतियों के बावजूद स्थिर और भरोसेमंद रह सकता है।