
शामली।
उत्तर प्रदेश के शामली में पकड़े गए एक फिजियोथेरेपिस्ट की कहानी महज चोरी की वारदात तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लालच, फर्जी पहचान, डिजिटल अपराध और अनैतिक गतिविधियों के खतरनाक गठजोड़ को उजागर करती है। गांव भूरा खुर्द निवासी शराफत अली का बेटा आसिफ अली, जो खुद को पढ़ा-लिखा और सफल फिजियोथेरेपिस्ट बताता था, अब पुलिस की गिरफ्त में है।
पुलिस जांच में उसकी जिंदगी की परतें खुलीं तो अधिकारी भी हैरान रह गए।
विदेशी ऐप्स के जरिए अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ाव
पुलिस पूछताछ में आसिफ ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसके अनुसार, वह बीते करीब एक महीने से विदेशी मोबाइल ऐप्स के माध्यम से 56 देशों के लोगों के साथ ऑनलाइन सेशन में शामिल हो रहा था। इन सेशनों में वह सेक्सुअल दवाइयों और क्रियाओं से जुड़ी जानकारी साझा करता था और कई सेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करता था। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से बड़ी संख्या में आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं। इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की जांच जारी है।
बिना अनुमति ऑपरेशन करने का करता था दावा
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब अपर पुलिस अधीक्षक सुमित शुक्ला ने प्रेस वार्ता में बताया कि आसिफ खुद को फिजियोथेरेपिस्ट बताकर पथरी समेत अन्य बीमारियों के ऑपरेशन करने का दावा करता था। उसने मरीजों से महीने में चार ऑपरेशन करने की बात स्वीकार की, जबकि उसके पास न तो वैध मेडिकल लाइसेंस था और न ही सर्जरी का कोई प्रशिक्षण।
क्लिनिक से शुरू हुई दोस्ती, फिर रिश्तों का जाल
आसिफ ने झारखंड की कैपिटल यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने का दावा कर गांव के पास ही निजी फिजियोथेरेपी क्लिनिक खोल लिया था। इलाज के दौरान उसकी पहचान आसपास के गांवों की तीन युवतियों से हुई। बातचीत दोस्ती और फिर प्रेम संबंधों में बदल गई। एक साथ तीन रिश्ते निभाने की कोशिश ने उसकी जिंदगी को आर्थिक और मानसिक रूप से असंतुलित कर दिया।
महंगे शौक बने अपराध की वजह
घूमना-फिरना, महंगे शौक और बढ़ते खर्च उसकी कमाई से ज्यादा हो गए। पैसों की तंगी से निकलने के लिए उसने सहारनपुर निवासी दोस्त सचिन के साथ मिलकर अपराध का रास्ता चुना। दोनों ने 8 दिसंबर की रात बनत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चोरी की वारदात को अंजाम दिया। यहां से नेबुलाइजर मशीन, एलईडी टीवी, मीटर समेत 24 महंगे मेडिकल उपकरण चोरी कर लिए गए।
सीसीटीवी और तकनीकी साक्ष्यों से खुला राज
अस्पताल प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस सीधे आसिफ और सचिन तक पहुंच गई। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चोरी गया सामान, वारदात में इस्तेमाल की गई कार और मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए गए हैं।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और डिजिटल नेटवर्क से जुड़े अन्य पहलुओं की भी पड़ताल की जा रही है।