
नई दिल्ली: कई लोग 30 की उम्र पार करते ही यह महसूस करते हैं कि पेट अचानक बाहर आने लगता है, जबकि खाने-पीने की आदतें पहले जैसी ही हैं। यह केवल सौंदर्य या पर्सनालिटी की चिंता नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। एम्स से ट्रेंड गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी ने इसके पीछे की वजहें और समाधान बताए हैं।
30 के बाद शरीर में क्यों बदलता है मेटाबॉलिज्म:
- मांसपेशियां घटती हैं: 30 की उम्र के बाद हर 10 साल में मसल्स 3-8% तक कम हो जाती हैं। मसल्स कम होने से कैलोरी बर्निंग भी घटती है।
- ग्लूकोज जमा होने लगता है: मसल्स ग्लूकोज के 70-80% डिस्पोजल में मदद करती हैं। मसल्स कम होने से ग्लूकोज रक्त में अधिक रह जाता है और पेट के आसपास फैट के रूप में जमा होने लगता है।
- हॉर्मोनल बदलाव: ग्रोथ हॉर्मोन और टेस्टोस्टेरोन-एस्ट्रोजन कम होते हैं, जबकि कोर्टिसोल बढ़ता है। इसके कारण पेट के आसपास फैट जमता है।
- इंसुलिन सेंसिटिविटी घटती है: हर 10 साल में 4-5% कमी आती है। इससे पहले जितने कार्ब्स खाने पर भी रक्त में शुगर बढ़ जाती है और कमर के आसपास फैट तेजी से जमा होता है।
पेट बाहर निकलने का खतरा:
डीप बेली फैट (विसरल फैट) अंगों के इर्द-गिर्द जमता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस, इंफ्लेमेशन, फैटी लिवर, प्रीडायबिटीज और हाई ट्राइग्लिसराइड जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
कैसे कम करें बेली फैट:
- वजन के प्रति किलोग्राम 1.2-1.6 ग्राम प्रोटीन रोजाना लें।
- हफ्ते में कम से कम 3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें।
- रोजाना वॉकिंग करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है।
- 7-8 घंटे की लगातार नींद लें।