
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में हर साल बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक जाम को ध्यान में रखते हुए संसद की स्थायी समिति ने कई अहम सुझाव पेश किए हैं। समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद भुवनेश्वर कलिता ने की। उनका कहना है कि मौजूदा योजनाएं कागज पर भले हों, लेकिन उनका सही ढंग से पालन नहीं होने के कारण समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं।
पेट्रोल-डीजल वाहनों पर वार्षिक सीलिंग
समिति ने सुझाव दिया है कि अब इस क्षेत्र में नए नन-इलेक्ट्रिक वाहनों (पेट्रोल-डीजल वाहन) के रजिस्ट्रेशन पर वार्षिक सीमा लगाई जाए। समिति का मानना है कि यह कदम प्रदूषण और ट्रैफिक की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।
प्रीमियम बस सेवाओं का प्रस्ताव
लोगों को निजी कारों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का विकल्प अपनाने के लिए समिति ने आरामदायक और भरोसेमंद प्रीमियम बस सेवाओं का सुझाव दिया। ये बस सेवाएं एप-बेस्ड होंगी, सीट रिजर्वेशन और रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करेंगी।
प्रदूषण-मुक्त वाहनों को बढ़ावा
संसदीय समिति ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और फ्यूल सेल वाहन को अपनाने के लिए सब्सिडी, टैक्स छूट, कम प्रीमियम इंश्योरेंस और मुफ्त/कम दर पर पार्किंग जैसी प्रोत्साहन योजना सुझाई। वहीं, पेट्रोल-डीजल वाहनों पर उच्च पार्किंग शुल्क और कठोर नियम लागू करने की सिफारिश भी की गई।
ईवी लोन और आयकर में राहत
समिति ने वित्त मंत्रालय से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ईवी के लिए कम दर पर लोन दें और कर्मचारियों को भी प्रोत्साहित करें।
प्रौद्योगिकी और फिटनेस टेस्ट में सुधार
पीयूसी प्रणाली को और मजबूत करने के लिए रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी का सुझाव दिया गया, जिससे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहन पकड़े जा सकें। एसयूवी जैसे वाहनों का अनिवार्य फिटनेस टेस्ट अब 10 साल में करवाना अनिवार्य किया जाएगा।
आरआरटीएस और मेट्रो परियोजनाओं को तेज गति
समिति ने दिल्ली के आसपास प्रस्तावित आरआरटीएस कॉरिडोर और लंबित मेट्रो परियोजनाओं को जल्द मंजूरी देने और मेट्रो फेज-5 की योजना को शीघ्र तैयार करने का सुझाव दिया।
निष्कर्ष:
संसदीय समिति की ये सिफारिशें दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण और ट्रैफिक समस्या पर दीर्घकालिक समाधान की दिशा में अहम कदम मानी जा रही हैं।