
अजमेर। राजस्थान के मसूदा और भिनाय ब्लॉक में स्कूलों के लिए खादी की दरी पट्टियों की खरीद को लेकर सियासत गर्म हो गई है। बीजेपी के विधायक वीरेंद्र सिंह कनावत द्वारा जारी अनुशंसा पत्र के तहत फरवरी 2025 में मसूदा और भिनाय ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में 160 दरी पट्टियां खरीदी गई थीं।
मासूदा में एक दरी पट्टी की कीमत ₹12,500 बताई गई, जबकि कुल लागत लगभग 20 लाख रुपए हुई। इस मामले में पूर्व कांग्रेस विधायक राकेश पारीक ने सवाल उठाते हुए इसे वित्तीय अनियमितता करार दिया है। पारीक का कहना है कि विधायक निधि जनता का पैसा है और इसकी कोई गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल और वर्तमान विधायक कानावत के कार्यकाल में किए गए कामों की तुलना की जानी चाहिए, ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके।
इस बीच मसूदा के नागरिक शोभाग्य सिंह ने बीजेपी विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति 1-1.5 लाख रुपए बताई थी, लेकिन आज उनकी संपत्ति करोड़ों में पहुँच गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विधायक की चल और अचल संपत्ति की जांच करने की भी मांग की है।
सियासी गलियारों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन और सरकार इस विवाद पर क्या कार्रवाई करती है।