
श्रीनगर से विशेष रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इन दिनों बयानबाज़ी का पारा चढ़ा हुआ है। नगरोटा और बडगाम विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और विपक्ष के नेता, भाजपा विधायक सुनील शर्मा के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है।
भाजपा नेता सुनील शर्मा ने उमर अब्दुल्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा से गठबंधन करने की कोशिश की थी। शर्मा ने उमर को चुनौती दी थी कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो कुरान की कसम खाकर साबित करें।
👉 उमर अब्दुल्ला का पलटवार: “कुरान की कसम खाता हूं, मैंने कोई गठबंधन नहीं किया”
सुनील शर्मा की इस चुनौती का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स (X)’ पर बयान जारी कर कहा,
“मैं पवित्र कुरान की कसम खाता हूं कि मैंने 2024 में राज्य का दर्जा पाने या किसी अन्य राजनीतिक कारण से भाजपा के साथ गठबंधन करने की कोई कोशिश नहीं की।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा विपक्ष को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता सब जानती है। उन्होंने कहा कि “मेरी राजनीति साफ है, और मैं किसी भी हालत में उन ताकतों के साथ हाथ नहीं मिलाऊंगा जो जम्मू-कश्मीर की पहचान को खत्म करना चाहती हैं।”
👉 सुनील शर्मा ने दी थी ‘कसम खाओ’ की चुनौती
इससे पहले सुनील शर्मा ने रविवार को अपने बयान में कहा था,
“अगर उमर अब्दुल्ला सच्चे हैं तो किसी मस्जिद में जाकर कुरान की कसम खाकर कहें कि उन्होंने भाजपा से गठबंधन की कोशिश नहीं की थी।”
उन्होंने दावा किया था कि 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाकर सरकार गठन के लिए भाजपा नेताओं से मिले थे।
👉 उपचुनाव से पहले गरमाई राजनीति
नगरोटा और बडगाम की दो विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। प्रचार थमने के बाद भी राजनीतिक बयानबाज़ी जारी है। बडगाम सीट इसलिए खाली हुई क्योंकि उमर अब्दुल्ला ने 2024 के विधानसभा चुनाव में बडगाम और गंदेरबल दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी और बाद में बडगाम सीट से इस्तीफा दे दिया था। वहीं नगरोटा सीट भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद रिक्त हुई।
इन दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है। अब “कुरान की कसम” वाले बयान ने चुनावी माहौल को और भी गरमा दिया है।