
नई दिल्ली: नवजात शिशुओं की देखभाल में छोटी-सी चूक भी खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में पीडियाट्रिशियन डॉक्टर निमिषा अरोड़ा के सामने आया। उनके पास डेढ़ महीने का एक बच्चा आया, जिसने पिछले सात दिन से पॉटी नहीं की थी।
जांच में पता चला कि बच्चे की नैनी ने उसकी परेशानी को देखते हुए उसे दो चम्मच कैस्टर ऑयल पिला दिया। डॉक्टर निमिषा अरोड़ा ने इसे बेहद खतरनाक बताया और माता-पिता से अपील की कि ऐसी भूल कभी न करें। उन्होंने कहा, “अब तक मैंने हिंग, घुट्टी और ग्राइप वॉटर के मामले सुने थे, लेकिन यह ऑयल मेरे लिए भी नया था।”
डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को एडमिट किया गया और उसका इलाज शुरू किया गया। ट्रीटमेंट के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया।
विशेषज्ञ ने बताया कि एक से डेढ़ महीने के बच्चों में पांच से सात दिन तक पॉटी न होना सामान्य है। जन्म के पहले दो-तीन हफ्तों तक बच्चे अक्सर हर फीड के बाद पॉटी करते हैं, लेकिन बाद में उनका गट मैच्योर हो जाता है। खासकर ब्रेस्टफीड कराने वाले बच्चों में लगभग पूरा दूध पच जाता है, इसलिए मल में कोई रेजिड्यूल मैटर बचता ही नहीं।
डॉक्टर ने कहा कि माता-पिता को केवल यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा सक्रिय है, यूरिन सही है और वजन सामान्य है। जब बच्चा पॉटी करे और वह सेमी-सॉलिड हो, तो इसका मतलब है कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और कब्ज की चिंता की आवश्यकता नहीं है।