Monday, November 10

“तू नीची जाति का है… मेरे साथ पीने का हक नहीं” — शराब पी रहे दोस्तों के बीच शुरू हुई बहस ने ली खूनी झड़प का रूप, दलित युवक पर चाकू व पत्थर से हमला

ग्वालियर : मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां जातिसूचक टिप्पणी के बाद दो दोस्तों के बीच हुई बहस ने हिंसक रूप ले लिया। शराब के नशे में आपसी कहासुनी इतनी बढ़ गई कि एक युवक ने अपने दोस्त पर चाकू और पत्थर से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल दलित युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

मामला ग्वालियर की महावीर कॉलोनी का
पुलिस के अनुसार, महावीर कॉलोनी निवासी बलवीर वाल्मीकि और विजय शर्मा आपस में दोस्त थे। रविवार दोपहर विजय ने बलवीर को तिघरा रोड स्थित बदनपुरा इलाके में शराब पीने के लिए बुलाया। दोनों सड़क किनारे बैठकर शराब पी रहे थे, तभी विजय ने अचानक बलवीर की जाति को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उसने कहा — “तू नीची जाति का है, तुझे मेरे साथ पीने का हक नहीं।”

विरोध करने पर चाकू से वार, फिर पत्थर से सिर कुचला
बलवीर ने जब इस टिप्पणी का विरोध किया तो विजय गुस्से में आगबबूला हो गया। उसने जेब से चाकू निकालकर बलवीर की गर्दन पर वार कर दिया। बलवीर जब खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गया, तब भी विजय नहीं रुका। उसने पास पड़ा भारी पत्थर उठाया और उसके सिर पर मार दिया। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।

पूरी रात सड़क पर पड़ा रहा घायल युवक
घायल बलवीर पूरी रात सड़क किनारे बेहोश पड़ा रहा। सोमवार सुबह राहगीरों ने उसे खून से लथपथ देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई है। उसकी गर्दन और सिर में गहरे घाव हैं।

आरोपी गिरफ्तार — जातिसूचक टिप्पणियों पर बढ़ रही हिंसा
बलवीर के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी विजय शर्मा के खिलाफ SC/ST एक्ट और हत्या के प्रयास की धाराओं में मामला दर्ज किया है। स्टेशन प्रभारी रत्नंबर शुक्ला के नेतृत्व में टीम ने आरोपी को कुछ ही घंटों में उसके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया।

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे जातिगत अपराध
एनसीआरबी (NCRB) 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में ऐसे 57,789 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 8,232 मामले केवल मध्य प्रदेश से हैं। इससे पहले अक्टूबर में भिंड और कटनी जिलों में भी दलित युवकों के साथ अमानवीय व्यवहार के मामले सामने आए थे।

✍️ (विशेष टिप्पणी)
सवाल यह है कि 21वीं सदी में भी जब समाज समानता की दिशा में आगे बढ़ने का दावा करता है, तब ऐसी जातिसूचक हिंसा हमारी सामाजिक चेतना पर गहरा प्रश्नचिह्न लगाती है।
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➡️ “ग्वालियर में दोस्ती बनी दुश्मनी — जातिसूचक टिप्पणी पर दलित युवक पर जानलेवा हमला”
➡️ “‘तू नीची जाति का है’ कहकर दोस्त ने किया हमला, दलित युवक पर चाकू और पत्थर से वार”

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