
यूपी में बीजेपी की नई नियुक्तियों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। हाल ही में पंकजचौधरी को उत्तर प्रदेश का नया बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि अगले दिन बिहारकेनितिननबीन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। इस फैसले पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेशयादव ने भाजपा पर PDA समाजकाअपमानकरने का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव का प्रहार
अपने सोशल मीडिया (X) हैंडल पर अखिलेश यादव ने लिखा, “5 बड़ा या 7? विधायक बड़ा या सांसद? राज्य बड़ा या केंद्र? राज्य सरकार का मंत्री बड़ा या केंद्र सरकार का?” उन्होंने कहा कि पांच बार के विधायक को राष्ट्रीय अध्यक्ष और सात बार के सांसद को राज्य अध्यक्ष बनाने का निर्णय कोई तार्किक आधार नहीं रखता। उनका कहना है कि यह केवल PDA समाज को नीचा दिखाने और वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “बीजेपी ने PDA समाज को यह संदेश देने की कोशिश की कि चाहे कोई कितना भी काबिल क्यों न हो, वह वर्चस्ववादी ताकतों के सामने एक सीमा से आगे नहीं बढ़ सकता। अब PDA समाज अपने लिए मान बनाएगा और अपनी सरकार बनाएगा।“
बीजेपी की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पंकज चौधरी को यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाने का निर्णय सपा के PDA राजनीति को चुनौती देने के लिए लिया गया। पंकज चौधरी कुर्मी समाज के कद्दावर नेता माने जाते हैं। वह तेल बनाने वाली कंपनी राहत रूह के मालिक भी हैं। 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके घर आए थे और उनकी मां उज्ज्वला चौधरी से मुलाकात की थी। उज्ज्वला चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
निष्कर्ष
पार्टी की यह रणनीति राजनीतिक समीकरण बदलने और PDA समाज पर प्रभाव जमाने की कोशिश मानी जा रही है। वहीं, सपा इसे समाज के अपमान और राजनीतिक वर्चस्व का खेल बता रही है।