
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में यहूदी समुदाय पर हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के देशों से इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। ट्रंप ने यह संदेश वॉइट हाउस में यहूदियों के हनुक्का कार्यक्रम के दौरान दिया और हमले में प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना जताई।
रविवार शाम बॉन्डी बीच पर हुए इस हमले में 15 लोगों की जान चली गई और 25 से अधिक घायल हुए। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इसे इस्लामिक स्टेट (ISIS) से प्रेरित आतंकवादी हमला बताया। हमलावर पिता और बेटा थे, जिनकी उम्र 50 और 24 साल थी। पिता साजिद अकरम को गोली मार दी गई और उनकी मौत हो गई, जबकि बेटे का अस्पताल में इलाज जारी है।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, “सभी देशों को कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद की बुरी ताकतों के खिलाफ एक साथ खड़ा होना चाहिए। हम उन सभी लोगों के दुख में शामिल हैं जो मारे गए, और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने यहूदियों को हमेशा समर्थन देने का भी वादा किया और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने बताया कि हमलावर पिता-बेटे इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरित थे और उनके पास से इस्लामिक स्टेट का झंडा जब्त किया गया।
यह हमला हनुक्का कार्यक्रम के दौरान किया गया, जिससे यहूदी समुदाय में व्यापक दहशत फैल गई। ट्रंप ने दुनिया को याद दिलाया कि आतंकवाद केवल किसी एक देश या समुदाय का मुद्दा नहीं है, बल्कि इसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।