Tuesday, December 9

UP में कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई

SIT गठित, 32 गिरफ्तार; मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल का होगा प्रत्यर्पण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोडीन आधारित कफ सिरप के अवैध भंडारण और तस्करी पर नकेल कसने के लिए सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित इस SIT का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे। टीम में खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्राधिकरण (एफडीएसए) के अधिकारी भी शामिल रहेंगे।

मुख्य सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेकर सभी जिलों में चल रही जांचों की नियमित समीक्षा करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोडीन कफ सिरप से राज्य में किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।

सुपर स्टॉकिस्ट नेटवर्क का खुलासा, 3.5 लाख बोतलें बरामद

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने बताया कि जांच में कोडीन-आधारित सिरप के अवैध कारोबार में शामिल सुपर स्टॉकिस्टों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।
पहचाने गए पाँच प्रमुख स्टॉकिस्टों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है—

  • भोला जायसवाल (वाराणसी)
  • विभोर राणा (सहारनपुर)
  • सौरभ त्यागी (गाजियाबाद)

डीजीपी ने बताया कि अब तक 3.5 लाख कफ सिरप बोतलें बरामद की गई हैं जिनकी कीमत करीब 4.5 करोड़ रुपये है। इस नेटवर्क से जुड़े 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नेपाल–बांग्लादेश सीमा तक तस्करी के सबूत

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि जांच में कफ सिरप की भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमा के पार तस्करी के पुख्ता सबूत मिले हैं। बैंकिंग चैनलों के माध्यम से हुई संदिग्ध फंडिंग की भी जाँच की जा रही है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही गलत सूचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई तथ्यों और वित्तीय साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। कई स्थानों पर अवैध रूप से बिना लाइसेंस और बिना बिल के धनराशि भेजे जाने का खुलासा हुआ है।

मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल विदेश में, प्रत्यर्पण की तैयारी

मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के विदेश भागने की बात सामने आने के बाद, डीजीपी ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर उसका प्रत्यर्पण (Extradition) कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मामले में मनी-ट्रेल की जांच शुरू कर दी है।

एफडीएसए की बड़ी कार्रवाई: 280 लाइसेंस रद्द करने के नोटिस

एफडीएसए आयुक्त रोशन जैकब ने कहा कि कोडीन कफ सिरप प्रतिबंधित दवा नहीं है, बल्कि अनुसूची-एच के तहत डॉक्टर की पर्ची पर बेची जा सकती है।
समस्या तब शुरू होती है जब—

  • भारी मात्रा में बिना रिकॉर्ड आपूर्ति
  • बिना बिल खरीद-बिक्री
  • संदिग्ध वितरण नेटवर्क

इन्हीं उल्लंघनों के चलते विभाग ने 280 दवा लाइसेंस रद्द करने के नोटिस जारी किए हैं।

एफएसडीए और सीबीएन की संयुक्त टीमों ने हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड में कई दवा कंपनियों और स्टॉकिस्टों के ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।

128 प्रतिष्ठानों पर FIR, 28 जिलों में केस दर्ज

जांच में अनियमितताएँ साबित होने पर ड्रग इंस्पेक्टरों ने बीएनएस और NDPS Act, 1985 की धाराओं में 28 जिलों के 128 मेडिकल प्रतिष्ठानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर दिए हैं।

सरकार ने साफ संकेत दिया है कि कोडीन सिरप के अवैध कारोबार में शामिल किसी भी नेटवर्क को बख्शा नहीं जाएगा और आने वाले दिनों में कार्रवाई और भी कड़ी व तेज होगी।

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