
गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब में 4 दिसंबर की रात लगी भीषण आग ने गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाले एक ही परिवार के चार जनों को हमेशा के लिए छीन लिया। सेक्टर-15 स्थित टाइप वन की बिल्डर फ्लोर सोसाइटी के मकान संख्या 986 में इस समय गहरा सन्नाटा पसरा है। जहां कभी बच्चों की खिलखिलाहट गूंजती थी, वहां अब दुख और शोक की भारी हवा है।
गोवा आग हादसे की दर्दनाक कहानी
वसुंधरा में रहने वाले विनोद कुमार, उनकी तीन सालियां सरोज जोशी, अनिता जोशी और कमला जोशी इस अग्निकांड का शिकार हुए। विनोद की पत्नी भावना हादसे में किसी तरह बाहर निकल आईं, लेकिन उनके सामने ही पति और तीनों बहनों की जिंदगी आग और धुएं में खत्म हो गई।
भावना ने बताया कि क्लब में पार्टी के दौरान क्रैकर गन से निकली चिंगारी ने डीजे क्षेत्र में लगे तारों को आग पकड़वा दी। पूरा फ्लोर लकड़ी का होने के कारण आग तेजी से फैल गई। देखते ही देखते क्लब अराजकता, चीख-पुकार और भगदड़ से भर गया।
जैसे ही धुआं घना हुआ, क्लब की लाइट बंद हो गई और सिर्फ एक ही एग्जिट होने के कारण लोग बाहर नहीं निकल सके। कई लोग आग की लपटों में घिरे जबकि कई दम घुटने से बेहोश होकर गिर पड़े।
भावना ने बताया,
“मैं बाहर निकलते समय जलते हुए शवों में अपने अपनों को पहचान रही थी। पहले पति की बॉडी दिखी, फिर बहनों की। पुलिस से बार-बार गुहार लगाने पर हमें शव सौंपे गए।”
मृतकों की पहचान और पारिवारिक संबंध
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष कपिल शर्मा के अनुसार, उत्तराखंड मूल के विनोद कुमार दो वर्षों से वसुंधरा में रह रहे थे। वह दिल्ली की एक फाइनेंस कंपनी में अधिकारी थे और सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहते थे।
विनोद अपने भाई नवीन के साथ संयुक्त परिवार में जुड़े हैं—दोनों भाइयों की शादी एक ही परिवार की दो सगी बहनों से हुई है।
विनोद अपनी पत्नी भावना और दो बच्चों—8 वर्षीय अनायस और 13 वर्षीय रेयांश—के साथ रहते थे। हादसे के समय बच्चे घर पर नाना-नानी के साथ थे। नवीन की पत्नी भी विनोद के साथ गोवा गई थीं और वह भी इस हादसे में मारी गईं।
इलाके में शोक की लहर, परिवार में कोहराम
वसुंधरा के सेक्टर-15 में हर चेहरा गमगीन है। विनोद की सरलता और मिलनसार स्वभाव को याद कर लोग भावुक हो रहे हैं। पड़ोसी राकेश सक्सेना के मुताबिक,
“विनोद हमेशा मुस्कुराकर मिलते थे। किसी काम के लिए कभी मना नहीं करते थे।”
हालत यह है कि परिवार के दोनों घर—वसुंधरा और करावल नगर—एक साथ मातम में डूबे हुए हैं। बच्चों को अभी तक पिता और मां की बहनों की मौत का गहरा सदमा है।
अग्निकांड की जांच जारी
गोवा पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं और घटना की जांच तेज कर दी है। मृतकों की सूची में 22 से 25 नंबर तक विनोद और उनकी तीन सालियों के नाम दर्ज हैं।
यह हादसा सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है—क्लब में एक ही एग्जिट, लकड़ी का फ्लोर, खुले तार और आतिशबाजी… सब मिलकर मौत का जाल बन गए।
यह त्रासदी न सिर्फ एक परिवार की खुशियों को खत्म कर गई, बल्कि पूरे वसुंधरा इलाके को गहरे शोक में डुबो गई है।
