
नई दिल्ली: उम्र बढ़ने के साथ वजन बढ़ना और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना सामान्य है, लेकिन गरिमा आनंद ने अपनी कठिनाइयों को मात देकर न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनीं। 50 साल की उम्र में उन्होंने 25 किलो वजन घटाया, ब्यूटी पेजेंट जीता और अब फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच के रूप में लोगों की मदद कर रही हैं। यह कहानी किसी भी महिला के लिए प्रेरणादायक हो सकती है जो सोचती है कि बढ़ती उम्र में फिटनेस हासिल करना मुश्किल है।
वजन बढ़ने और घुटनों के दर्द ने दी थी चेतावनी
गरिमा आनंद का वजन कोविड के दौरान तेजी से बढ़ने लगा था, जब उनके पति मर्चेंट नेवी में थे और वह अकेले ही घर और बच्चों की देखभाल कर रही थीं। तनाव और चिंता के कारण उनका वजन 88 किलो तक पहुंच गया। साथ ही, घुटनों में दर्द भी बढ़ने लगा, जिससे उन्हें रोज़मर्रा की गतिविधियों में मुश्किलें आने लगीं। जब उन्होंने डॉक्टर से चेकअप कराया, तो डॉक्टर ने उन्हें घुटने की सर्जरी की सलाह दी। हालांकि, गरिमा सर्जरी नहीं करवाना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने एक दूसरा रास्ता अपनाने का निर्णय लिया।
नया रास्ता अपनाया: वेट लॉस के लिए मेहनत शुरू की
गरिमा ने डॉक्टर की सलाह पर गंभीरता से काम करना शुरू किया। उन्होंने जिम जॉइन किया, लेकिन शुरुआत में घुटने के दर्द की वजह से वह बहुत ज्यादा वर्कआउट नहीं कर पाती थीं। फिर भी, धीरे-धीरे उनकी बॉडी की स्ट्रेंथ बढ़ी और उन्होंने नियमित वर्कआउट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। इसके साथ ही, गरिमा ने सही डाइट की अहमियत को समझा और इसके लिए उन्होंने न्यूट्रिशनिस्ट का सर्टिफाइड कोर्स भी किया। सही पोर्शन कंट्रोल और न्यूट्रिशन की मदद से उनका वजन घटने लगा।
वजन घटाकर ब्यूटी पेजेंट जीता
वजन घटाने के बाद गरिमा का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने एक ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने ताज अपने नाम किया। यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें और भी प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच बनने का निर्णय लिया और अब वह दूसरों की वेट लॉस जर्नी में मदद करती हैं।
पेरीमेनोपॉज के लक्षणों में कमी आई
गरिमा का मानना है कि वेट लॉस से न केवल उनके शरीर का आकार बदला, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति और ऊर्जा स्तर भी बेहतर हुए। वजन घटाने से उनके पेरीमेनोपॉज की समस्याएं कम हो गईं और उनका तनाव भी दूर हुआ। उन्होंने अपनी वेट लॉस यात्रा को सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे कई महिलाओं को प्रेरणा मिली और उन्होंने उनसे सलाह ली।
घुटने की सर्जरी से बचीं
गरिमा का कहना है कि वजन घटाने के बाद उन्हें घुटने की सर्जरी करवाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। उनका जोड़ों और घुटनों का दर्द भी लगभग खत्म हो गया। उन्होंने केवल 7 महीनों में 25 किलो वजन घटाया, जिसके बाद उनकी साइज XL से M हो गई। इसके साथ ही उनका तनाव और चिड़चिड़ापन भी दूर हो गया, और उनका भावनात्मक संतुलन बेहतर हुआ।
फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच के रूप में नई शुरुआत
गरिमा ने अपनी वेट लॉस जर्नी से हासिल किए गए अनुभव को साझा करना शुरू किया और अब वह फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच के तौर पर दूसरों की मदद कर रही हैं। उनका मानना है कि वर्कआउट और सही डाइट से जीवन में बदलाव आ सकता है। इस यात्रा ने उनके आत्मविश्वास को और भी बढ़ा दिया है और आज वह अपनी सफलता से दूसरों को प्रेरित कर रही हैं।
गरिमा की कहानी यह सिखाती है कि किसी भी उम्र में, यदि सही दिशा में मेहनत की जाए तो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। उनके लिए वेट लॉस एक जीवन बदलने वाला अनुभव था, जिसने उनकी जिंदगी को नए रूप में ढाला और उन्हें अपनी पहचान और आत्मविश्वास को फिर से हासिल करने का मौका दिया।
