Thursday, November 6

ऐसे कैसे मिलेगा न्याय? दिल्ली की निचली अदालतों में 15 लाख से अधिक पेंडिंग केस, जजों की कमी बड़ी वजह

नई दिल्ली: दिल्ली में निचली अदालतों में न्याय पाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। राजधानी की अदालतों में 15.6 लाख से अधिक केस फैसले के इंतजार में पेंडिंग हैं, जिनमें 13.5 लाख क्रिमिनल और 2.18 लाख सिविल केस शामिल हैं। बढ़ती पेंडेंसी की मुख्य वजह जजों की कम संख्या और हर साल बढ़ते नए मामलों की संख्या है।

हर जज पर 2,200 केस:
दिल्ली की निचली अदालतों में करीब 700 जज हैं। इसका अर्थ है कि हर जज औसतन 2,200 पेंडिंग मामलों की जिम्मेदारी संभाल रहा है। राजधानी की आबादी लगभग 3 करोड़ है और हर दिन लगभग 700 जज करीब 28,000 मामलों की सुनवाई करते हैं। इसका मतलब है कि हर जज औसतन 40 मामलों की सुनवाई करता है। हालांकि, कुछ जजों के पास 10,000 से अधिक पेंडिंग मामले हैं और वे दिन में 150 से अधिक मामलों की सुनवाई करते हैं।

नए केस, तेजी से बढ़ती पेंडेंसी:
2018 में दिल्ली की अदालतों ने 3.78 लाख केस निपटाए, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.96 लाख हो गया। लेकिन इस दौरान नए मामलों की संख्या 4.84 लाख से बढ़कर 10.2 लाख हो गई। यही कारण है कि साल-दर-साल पेंडेंसी में कमी नहीं हो पा रही।

अधिकतर पेंडिंग केस हाल के हैं:
सभी पेंडिंग केस में से दो-तिहाई 2023 से 2025 के बीच दर्ज हुए हैं। वहीं, 94% केस 2018 के बाद दर्ज हुए और 2017 से पहले के केस कुल पेंडिंग का केवल 6% हैं। दिल्ली के दो सबसे पुराने केस 1969 के हैं।

फैसलों में देरी के कारण:

  • 3.26 लाख केस (20%) वकील उपलब्ध न होने के कारण पेंडिंग हैं।
  • 2.23 लाख केस (14%) पर स्टे लगा होने की वजह से रुके हैं।
  • 25,000 से अधिक केस (1.5%) में आरोपी फरार है।
  • 1.3% से अधिक केस में दस्तावेज़ों का इंतजार है।
  • लगभग 13,600 केस (1%) में गवाहों की प्रतीक्षा है।

विशेष मामलों की चुनौती:
कुछ अदालतों में रोजाना 120 से अधिक चेक बाउंस मामले सुनवाई के लिए आते हैं, जिन्हें छह महीने में निपटाने का कानून है। वहीं, कुछ अदालतें सिर्फ एक बड़ा मामला, जैसे 34,000 करोड़ रुपये के DHFL बैंक फ्रॉड से जुड़ा केस, सुन रही हैं।

निष्कर्ष:
दिल्ली में न्याय पाने के लिए लंबा इंतजार अब आम हो गया है। जजों की कमी, तेजी से बढ़ते नए मामले और कुछ मामलों की जटिलता की वजह से कोर्ट का फैसला आने में लंबा समय लग रहा है। राजधानी में न्याय व्यवस्था को सुधारने और पेंडिंग मामलों को कम करने की सख्त जरूरत है।

Leave a Reply