Monday, December 8

नेटफ्लिक्स और वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का सौदा: क्या सिनेमाघरों के लिए खतरे की घंटी है?

मुंबई: ग्लोबल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने हॉलीवुड के दिग्गज स्टूडियो वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (WBD) को 82.7 अरब डॉलर में खरीदने का ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसे मनोरंजन जगत का सबसे बड़ा करार माना जा रहा है। इस डील के बाद नेटफ्लिक्स की दुनिया की सबसे बड़ी स्ट्रीमिंग कंपनी बनने की राह और भी पुख्ता हो गई है, लेकिन इसने सिनेमाघरों के भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह सौदा सिनेमा के लिए खतरे का संकेत है?

नेटफ्लिक्स की नई ताकत

इस सौदे के बाद नेटफ्लिक्स के पास ‘हैरी पॉटर’, ‘फ्रेंड्स’, ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’, ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ और डीसी कॉमिक्स के सुपरहीरो जैसे ‘बैटमैन’, ‘सुपरमैन’ और ‘वंडर वुमन’ की फिल्में और सीरीज आ जाएंगी, जो इसे स्ट्रीमिंग बाजार में और भी ताकतवर बना देंगी। नेटफ्लिक्स के को-सीईओ टेड सारंडोस ने कहा, “हमारी लाइब्रेरी अब और भी मजबूत हो गई है, और इससे हम दर्शकों को बेहतरीन वर्ल्ड क्लास कंटेंट दे पाएंगे।”

इसके अलावा, नेटफ्लिक्स और HBO Max के 428 मिलियन सब्सक्राइबर्स के मिलने से यह प्लेटफॉर्म और भी विशाल बन जाएगा, और डिज्नी और पैरामाउंट जैसे प्रतिद्वंद्वियों पर इसे मजबूत बढ़त मिल सकती है। फिल्म ट्रेड विशेषज्ञ कोमल नाहटा ने इस डील को लेकर कहा, “नेटफ्लिक्स पहले ही बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है, लेकिन अब वह और भी पावरफुल बन जाएगा।”

सिनेमाघरों के लिए क्या खतरे का संकेत?

वहीं, सिनेमाघरों के लिए यह डील चिंता का कारण बन गई है। माना जा रहा है कि मर्जर के बाद वार्नर ब्रदर्स की थिएट्रिकल फिल्मों के बजट में कटौती हो सकती है और इन फिल्मों की संख्या में भी कमी आ सकती है, जिससे बॉक्स ऑफिस पर बड़ा असर पड़ेगा। इसके अलावा, थिएटर एक्सक्लूसिव विंडो (जिसमें फिल्में पहले सिनेमाघरों में रिलीज होती हैं) की परंपरा भी कमजोर हो सकती है, जैसा कि नेटफ्लिक्स के को-सीईओ टेड सारंडोस ने पहले ही कह दिया है कि सिनेमाघरों में फिल्में देखना अब पुराना हो चुका है।

सिनेमा जगत के बड़े नामों की चिंता

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जेम्स कैमरून, जिन्होंने ‘टाइटैनिक’ और ‘अवतार’ जैसी मेगा हिट फिल्मों का निर्देशन किया है, ने इस सौदे को ‘आपदा’ करार दिया है। उनका मानना है कि इस डील के बाद सिनेमाघरों की भूमिका घट सकती है, और बड़े बजट की फिल्मों को रिलीज करने की परंपरा भी खत्म हो सकती है।

इसके अलावा, मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने भी इस प्रस्तावित सौदे पर अपनी चिंता जताई है। MAI का कहना है कि यह सौदा भारत के सिनेमाघर बाजार को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि नेटफ्लिक्स के मर्जर के बाद थिएटर-फर्स्ट मॉडल कमजोर हो सकता है। इसके चलते, फिल्म निर्माण, वितरण, प्रदर्शनी और अन्य सहायक सेवाओं से जुड़ी लाखों लोगों की आजीविका पर असर पड़ सकता है।

क्या होगा सिनेमाघरों के भविष्य में?

भारत में सिनेमाघर दर्शकों के लिए एक खास स्थान रखते हैं, और यहां की सिनेमा संस्कृति विविधता और व्यापकता पर आधारित है। ऐसे में, यदि सिनेमाघर-प्रथम मॉडल कमजोर होता है और थिएटर में फिल्में देखना कम हो जाता है, तो इसका असर सिनेमाघरों की पूरी इकोनॉमी पर पड़ सकता है।

नेटफ्लिक्स और वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का सौदा: पूरी दुनिया में बदलाव

नेटफ्लिक्स ने वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के फिल्म और टीवी स्टूडियो के साथ-साथ उनके स्ट्रीमिंग डिवीजन HBO और HBO Max को खरीदने के लिए करार किया है। इस डील के बाद WBD अपनी ग्लोबल टीवी नेटवर्क को एक नई कंपनी ‘डिस्कवरी ग्लोबल’ के नाम से अलग करेगा, और नेटफ्लिक्स को हॉलीवुड के सबसे बड़े स्टूडियो का मालिक बना देगा। यह डील 12 से 18 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।

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