
नई दिल्ली। कई माता-पिता यह अनुभव करते हैं कि उनका बच्चा मम्मी के सामने बार-बार रोता-धोता है, नाटक करता है और कभी-कभी गुस्सा भी करता है, लेकिन पापा के सामने एकदम शांत रहता है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. रोहित भारद्धाज बताते हैं कि यह व्यवहार बिल्कुल सामान्य है और इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण हैं।
मम्मी के सामने दिखता है सबसे बुरा व्यवहार
डॉ. भारद्धाज के अनुसार, बच्चे अपनी मम्मी के सामने पूरी तरह ट्रेंटम दिखाते हैं, लेकिन पापा के सामने पूरी तरह अनुशासित रहते हैं। पापा की एक बार की बात बच्चे तुरंत मान लेते हैं।
मम्मी को मानते हैं सबसे सुरक्षित
बच्चों को अपनी मम्मी सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित लगती हैं। इसलिए वे अपनी सारी इमोशन्स और नकारात्मक व्यवहार मम्मी के सामने दिखाते हैं। “मैं जैसा भी बिहेव करूँ, मम्मी मुझे प्यार करेंगी,” यह उनकी सोच होती है।
मम्मी का प्यार और नियम तोड़ना
कभी-कभी मम्मियां थोड़े रूल्स ब्रेक कर देती हैं, जैसे टीवी दिखाकर खाना खिलाना या चॉकलेट देना। बच्चे इसे समझकर यह मान लेते हैं कि अगर उन्होंने थोड़ा ड्रामा किया, तो मम्मी फिर से रूल तोड़ देंगी।
पापा की बात का पालन तुरंत क्यों?
पिता बच्चों के साथ स्पष्ट और लगातार नियम बनाए रखते हैं। यही कारण है कि बच्चे उनकी बात एक बार में मान जाते हैं। यह डर की वजह से नहीं, बल्कि साफ और स्पष्ट कम्युनिकेशन की वजह से होता है।
मम्मियों के लिए सुझाव
डॉक्टर का कहना है कि मम्मियां अपने बच्चों को प्यार और लाड़ दें, लेकिन बाउंड्रीज भी तय रखें। प्यार करने का मतलब हमेशा “हाँ” बोलना नहीं होता। बच्चों को “ना” कहते हुए भी उतना ही प्यार और सुरक्षा दी जा सकती है।
निष्कर्ष: बच्चों का मम्मी-पापा के सामने अलग व्यवहार स्वाभाविक है। समझदारी, स्पष्ट नियम और प्यार के संतुलन से माता-पिता बच्चे की परवरिश में सफल हो सकते हैं।