
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं, उनके साथ एक खास ‘पूप सूटकेस’ भी ले जाया जाता है। इस सूटकेस में पुतिन का मल सुरक्षित रखा जाता है। यह खबर पहली बार तब चर्चा में आई जब पुतिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए अलास्का गए थे।
क्या है पुतिन के ‘पूप सूटकेस’ का राज?
- पुतिन की सुरक्षा फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस (FSO) करती है।
- उनकी हर एक्टिविटी पर कड़ी नजर रखी जाती है।
- विदेश यात्रा के दौरान उनका मल सीलबंद बैग में सुरक्षित रखा जाता है और रूस वापस ले जाया जाता है।
- ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कोई विदेशी एजेंसी उनकी सेहत से जुड़ी जानकारी हासिल न कर सके।
मल से क्या जान सकते हैं डॉक्टर?
- किसी व्यक्ति की पाचन क्षमता, रोग और आंत से जुड़ी समस्याएं मल से पता लग सकती हैं।
- मल का रंग, आकार और स्थिरता शरीर की सेहत के संकेत देते हैं।
- काला या चिपचिपा मल आंतरिक रक्तस्राव या आयरन की दवाओं का संकेत हो सकता है।
- तैलीय या चिकना मल फैट पचाने में दिक्कत का संकेत देता है।
- लगातार पतला या पेंसिल जैसी मल आने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क जरूरी है।
इतिहास और सुरक्षा का नजरिया
- शीत युद्ध के दौर में ब्रिटिश एजेंसियां सैनिकों के मल तक की जांच करती थीं।
- 1949 में तानाशाह जोसेफ स्टालिन ने चीन के नेता माओत्से तुंग का मल मंगवाया था।
- पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था इसी नजरिए से कदम-दर-कदम पूरी तरह सुनिश्चित की जाती है।
इस तरह, पुतिन का ‘पूप सूटकेस’ सिर्फ मजाक या अजीब किस्सा नहीं, बल्कि उनकी स्वास्थ्य और सुरक्षा का गंभीर पहलू है।