
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: खगोलविदों के लिए 2 अगस्त 2027 की तारीख बेहद खास होने वाली है। इस दिन 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण धरती पर देखने को मिलेगा। NASA के अनुसार, ग्रहण के दौरान प्रभावित इलाके 6 मिनट 23 सेकंड तक गहरे अंधेरे में डूब जाएंगे। इतना लंबा सूर्यग्रहण पिछले 100 वर्षों में नहीं देखा गया है और अगले 100 साल तक ऐसा दुर्लभ नजारा नहीं मिलेगा।
सूर्यग्रहण का अनोखा नजारा
पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के सामने आकर उसके प्रकाश को पूरी तरह ढक लेगा। दिन में शाम जैसा अंधेरा छा जाएगा, तापमान में 5 से 10 डिग्री तक गिरावट हो सकती है और हवा की दिशा बदल सकती है। खगोलविदों के लिए यह अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने का दुर्लभ अवसर भी होगा।
लंबाई का राज़
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार ग्रहण लंबा इसलिए होगा क्योंकि 2 अगस्त 2027 को पृथ्वी सूर्य से अपने सबसे दूर बिंदु पर होगी, जिससे सूर्य का आकार छोटा दिखाई देगा। वहीं चंद्रमा अपने परिक्रमा पथ पर पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा, जिससे उसका आकार बड़ा दिखाई देगा। यह दुर्लभ संयोजन सूर्य के प्रकाश को अधिक समय तक रोक देगा और ग्रहण की अवधि को सामान्य से कहीं अधिक लंबा बना देगा।
खगोलविदों की तैयारी
खगोलविद और अंतरिक्ष प्रेमी इस घटना के लिए पहले से तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने दूरबीन, कैमरे और अन्य उपकरणों के माध्यम से इस दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण का अध्ययन करने की योजना बनाई है।
जानकारी के लिए
पूर्ण सूर्यग्रहण आमतौर पर 3 मिनट से भी कम समय का होता है। अगस्त 2027 में होने वाला यह ग्रहण अपने 6 मिनट 23 सेकंड की लंबाई के कारण इतिहास में दर्ज रहेगा। स्पेस डॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, इस लंबाई का सूर्यग्रहण साल 2114 तक नहीं देखा जा सकेगा।
