
कोलकाता। अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बिहार चुनाव में मिली जीत से उत्साहित बीजेपी अब बंगाल में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। इसी कड़ी में नवभारत टाइम्स ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष समीक भट्टाचार्य से विशेष बातचीत की। उन्होंने दावा किया कि राज्य में हालात इस कदर बदले हैं कि सिर्फ मजदूर ही नहीं, बल्कि छात्र और उद्योगपति भी राज्य छोड़कर बाहर जा रहे हैं।
“इस बार जनता भी तैयार”
चुनाव तैयारियों पर पूछे गए सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने पिछले चुनाव से सीख ली है और इस बार संगठन और कार्यकर्ता पहले से अधिक मजबूती के साथ मैदान में हैं। उन्होंने कहा, “इस बार सिर्फ बीजेपी ही नहीं, जनता भी तैयार है। यह चुनाव ममता बनर्जी बनाम आम जनता का चुनाव बन गया है।”
“पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश नहीं बनने देंगे”
प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्य का माहौल तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा, “पहले लोग काम की तलाश में पश्चिम बंगाल आते थे, लेकिन अब यहां से पलायन हो रहा है। सिर्फ लेबर नहीं, छात्र और बिजनेसमैन भी माइग्रेट कर रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि लोग राज्य की कानून व्यवस्था और आर्थिक वातावरण से निराश हैं।
SIR मुद्दे पर तीखा हमला
ममता बनर्जी द्वारा SIR (Special Identification Register) का विरोध करने पर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। उनका कहना था कि वह इस बहाने लोगों का ध्यान भ्रष्टाचार और एंटी इनकंबेंसी से हटाना चाहती हैं।
मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनौती स्वीकार
इस सवाल पर कि मुस्लिम वोट बैंक में बीजेपी कमजोर है, भट्टाचार्य ने कहा कि यह सही है कि पार्टी को मुस्लिम वर्ग से बहुत कम वोट मिलता है, लेकिन उनका दावा है कि केवल मुस्लिम वोट के आधार पर सत्ता वापसी की उम्मीद करना त्रुटि होगी। उन्होंने असम का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां मुस्लिम आबादी अधिक होने के बावजूद बीजेपी सत्ता में है।
मुस्लिम समाज से अपील
उन्होंने कहा कि बीजेपी उन लोगों से अपील कर रही है जो खुद को राष्ट्रहित से जोड़कर देखते हैं। साथ ही उन्होंने राजनीतिक हिंसा और कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए।
बीजेपी में गुटबाजी से इनकार
बीजेपी के भीतर इनफाइटिंग और दिल्ली से आए नेताओं पर भरोसे की कमी के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज किया। उनका कहना था कि बड़ी पार्टी होने पर ऐसे मुद्दे सामने आते रहते हैं, लेकिन संगठन में कोई गंभीर विवाद नहीं है।
चुनावी नतीजों पर टिकी निगाहें
राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ चुकी है और बीजेपी का दावा है कि इस बार माहौल उसके पक्ष में है। वहीं टीएमसी लगातार मजबूत जनाधार और विकास कार्यों का हवाला देकर चुनावी तैयारी कर रही है। आने वाले महीनों में राजनीतिक समीकरण किस दिशा में जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।