
मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव स्थगित होने की संभावना बढ़ गई है। राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार ने नलदुर्ग में एक चुनावी रैली में कहा कि जिला परिषदों और पंचायत समिति चुनावों में देरी हो सकती है। इसका मुख्य कारण आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक होने का मामला है, जो सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट में 25 नवंबर को सुनवाई
अजित पवार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट 25 नवंबर को इस मुद्दे पर फैसला सुनाएगी। राज्य की 20 जिला परिषदों में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जो संवैधानिक सीमा के विरुद्ध माना जाता है। इससे पहले भी नगर परिषद और जिला परिषद चुनाव विभिन्न कारणों से टल चुके हैं। यदि कोर्ट नए निर्देश देती है, तो चुनाव आयोग को फिर से प्रभाग संरचना और आरक्षण की लॉटरी तैयार करनी पड़ेगी।
तीसरे चरण में मुंबई का हाईवोल्टेज मुकाबला
राज्य में तीसरे चरण में मुंबई बीएमसी समेत अन्य नगर निगम और बड़ी महानगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं। चुनावी माहौल के बीच सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। अगर कोर्ट आरक्षण को लेकर बदलाव करती है, तो तीसरे चरण के चुनावों की तारीखों में भी फेरबदल हो सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
अजित पवार ने कहा, “आरक्षण से जुड़ा यह मामला संवैधानिक है और कोर्ट के फैसले के बाद ही चुनाव आयोग को तैयारी पूरी करनी होगी।” वहीं, राजनीतिक दल भी हाईवोल्टेज मुकाबले की तैयारी में जुटे हैं। मुंबई बीएमसी चुनाव को लेकर विशेष रूप से जोरदार प्रतिस्पर्धा की उम्मीद जताई जा रही है।