Monday, November 24

बिहार में 450 से अधिक बीएलओ निलंबित, पर आत्महत्या का कोई मामला नहीं चुनाव आयोग के अधिकारियों ने किए दावे, फेज-2 की रफ्तार पहले से सुचारू

नई दिल्ली/पटना। मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान बीएलओ की मौतों और कथित आत्महत्याओं को काम के दबाव से जोड़कर उठ रही आशंकाओं के बीच चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट की है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, बिहार में पहले चरण के दौरान 450 से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर्स को लापरवाही के कारण निलंबित तो किया गया, लेकिन एक भी आत्महत्या का मामला सामने नहीं आया।

फेज-1 बनाम फेज-2: रफ्तार में बड़ा अंतर

अधिकारियों ने बताया कि फेज-1 केवल बिहार में आयोजित हुआ था और एन्यूमरेशन फॉर्म वितरण का कार्य मात्र 4 दिनों में पूरा करना पड़ा। इसके विपरीत, फेज-2 में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यही प्रक्रिया 10 दिनों तक चली, जिसके कारण काम का दबाव अपेक्षाकृत कम रहा।

पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में मौतों की जांच जारी

पश्चिम बंगाल में कथित आत्महत्या के मामलों ने चिंता बढ़ाई है, जबकि गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी कुछ मौतों की सूचनाएं मिली हैं। अधिकारी ने कहा—
“यह जांचना जरूरी है कि मौतें वाकई काम के दबाव से जुड़ी हैं या उनके पीछे स्वास्थ्य, पारिवारिक या राजनीतिक कारण हैं। जल्दबाज़ी में निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा।”

नादिया (पश्चिम बंगाल) में एक महिला बीएलओ की मौत मामले में पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर या आगे की कार्रवाई होगी।

कई राज्यों में कार्य सुचारू, बेहतर प्रदर्शन की मिसालें

अधिकारियों के मुताबिक, कई राज्यों में बीएलओ बिना किसी रुकावट के कार्य पूरा कर रहे हैं।

  • राजस्थान के दिव्यांग बीएलओ बाबूलाल ने 100% डिजिटाइजेशन पूरा किया।
  • मध्य प्रदेश की ज्योति पवार ने भी समय पर कार्य निपटाया।
  • केरल से भी सकारात्मक रिपोर्ट मिली है।

4 दिसंबर तक लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

फेज-2 में बीएलओ प्रतिदिन 50–60 फॉर्म डिजिटाइज कर रहे हैं। 14–23 नवंबर के बीच लगभग 40% फॉर्म अपलोड हो चुके हैं। अधिकारियों को भरोसा है कि 4 दिसंबर की समय सीमा तक लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम छूट जाने पर 7 फरवरी तक आवेदन किया जा सकेगा।

ड्यूटी के दौरान मृत्यु पर मुआवजा तय

अधिकारियों ने दोहराया कि यदि किसी बीएलओ की मौत ड्यूटी के दौरान साबित होती है तो परिवार को नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।

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