
हनुमानगढ़, 22 नवंबर। राजस्थान के हनुमानगढ़ में नौ साल पुराने हत्या के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक और सख्त फैसला सुनाते हुए एक ही परिवार के छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडीजे द्वितीय लतिका दीपक पराशर की अदालत ने 70 वर्षीय भगवान सिंह की हत्या के आरोप में सभी दोषियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा दी। फैसले के बाद क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई है और इसे न्याय व्यवस्था की बड़ी मिसाल माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
घटना वर्ष 2016 की है। भगवान सिंह के भाई खजान सिंह ने टिब्बी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उनके पड़ोसियों—बग्गा सिंह, मक्खन सिंह, मंगल सिंह, सुरेंद्र उर्फ बिट्टू, एक अन्य मंगल सिंह और कश्मीरों (पत्नी बग्गा सिंह)—ने पुराने विवाद को लेकर भगवान सिंह पर गंभीर वार किए, जिससे उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट दायर की, जिसके बाद लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद अब अदालत ने सभी आरोपियों को दोष सिद्ध पाया।
अदालत की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि—
- हत्या पूर्व नियोजित थी
- विवाद के बावजूद बुजुर्ग पर हमला अमानवीय और क्रूर था
- समाज में भय और अनुशासन बनाए रखने के लिए कठोर सजा आवश्यक है
अदालत ने कहा कि न्याय में देरी भले हो, लेकिन इनसाफ कभी खत्म नहीं होता।
परिवार ने राहत की सांस ली
फैसले के बाद मृतक भगवान सिंह के परिजनों ने कहा कि वर्षों की प्रतीक्षा के बाद उन्हें न्याय मिला है। गांव में भी इस निर्णय के बाद संतोष का माहौल है।