
पटना/ऋषिकेश नारायण सिंह। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद बने नीतीश कुमार कैबिनेट में पुराने कई चेहरों को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। कुल 19 ऐसे नेता हैं, जो पिछली सरकार में मंत्री थे और इस बार भी उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन नई सूची में उनका नाम नहीं शामिल हुआ।
मुख्य चेहरे जो मंत्री नहीं बने
- रेणु देवी (BJP) – उपमुख्यमंत्री रह चुकीं, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की पूर्व मंत्री।
- नीतीश मिश्रा (BJP) – उद्योग विभाग के पूर्व मंत्री।
- जीवेश कुमार (BJP) – श्रम संसाधन और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व मंत्री।
- प्रेम कुमार (BJP) – गया से 9 बार विधायक, पूर्व मंत्री, अब विधानसभा अध्यक्ष बनने की संभावना।
- नीरज सिंह बब्लू (BJP) – PHED विभाग के पूर्व मंत्री।
- केदार प्रसाद गुप्ता (BJP) – पंचायती राज विभाग के पूर्व मंत्री।
- कृष्णनंदन पासवान (BJP) – गन्ना उद्योग विभाग के पूर्व मंत्री।
- विजय कुमार मंडल (BJP) – आपदा प्रबंधन विभाग के पूर्व मंत्री।
- कृष्ण कुमार मंटू (BJP) – सूचना एवं प्रावैद्यिकी मंत्री रहे।
- संजय सरावगी (BJP) – भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रहे।
- राजू कुमार सिंह (BJP) – पर्यटन विभाग के पूर्व मंत्री।
- महेश्वर हजारी (JDU) – सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व मंत्री।
- डॉ. सुनील कुमार (BJP) – वन एवं पर्यावरण विभाग के पूर्व मंत्री।
- संतोष सिंह (BJP, MLC) – श्रम संसाधन मंत्री रहे।
- जनक राम (BJP, MLC) – अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रहे।
- हरि सहनी (BJP, MLC) – पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा कल्याण विभाग के पूर्व मंत्री।
- शीला कुमारी (BJP) – परिवहन मंत्री रही हैं।
- रत्नेश सदा (JDU) – मद्य निषेध उत्पाद और निबंधन मंत्री रहे।
- जयंत राज (JDU) – ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मंत्री।
विशेष: इन नेताओं के मंत्री न बनने के पीछे पार्टी की रणनीति, क्षेत्रीय संतुलन और नए चेहरों को मौका देना मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
नीतीश सरकार ने नई मंत्रिमंडल सूची के साथ पुराने नेताओं की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है।