
मेरठ: दिल्ली लाल किले पर हुए आतंकवादी ब्लास्ट के बाद प्रदेशभर में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। मेरठ जोन को भी अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है और अब यहां पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
जानकारी के अनुसार, मेरठ जिले के सुभारती विश्वविद्यालय, शोभित विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय और अन्य कई कॉलेजों में करीब 600 कश्मीरी छात्र अध्ययनरत हैं। खुफिया एजेंसियों और पुलिस की संयुक्त टीम ने इन छात्रों का गोपनीय सत्यापन शुरू कर दिया है।
जांच का दायरा और स्थिति:
- एलआईयू, इंटेलिजेंस ब्यूरो और स्थानीय पुलिस की टीम छात्रों की गतिविधियों, उपस्थिति और व्यवहार की जानकारी जुटा रही है।
- अब तक आधे से अधिक छात्रों का सत्यापन पूरा हो चुका है।
- पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अब तक किसी छात्र की देशविरोधी या संदिग्ध गतिविधि का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
- छुट्टी पर गए छात्रों की भी जांच की जा रही है।
पिछले घटनाक्रम:
मेरठ में पहले भी कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज हो चुके हैं।
- 2014 में सुभारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव ने कुछ छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि एशिया कप में पाकिस्तान की जीत पर छात्रों ने देशविरोधी नारे लगाए थे।
- 2017 में कालका डेंटल कॉलेज में भी कुछ छात्रों द्वारा पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने और देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था।
इन घटनाओं के बाद से प्रशासन और खुफिया एजेंसियां लगातार सतर्क हैं और छात्रों की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि किसी भी निर्दोष छात्र को परेशान नहीं किया जाएगा। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी छात्रों का सत्यापन पूर्णतया सुरक्षित और गोपनीय तरीके से नहीं हो जाता।