Tuesday, December 30

चुनावी हार के बाद मुकेश सहनी की पार्ट-टाइम राजनीति, अब नई रणनीति पर विचार

 

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बिहार की राजनीति में करारी हार का सामना करने के बाद वीआईपी चीफ मुकेश सहनी फिलहाल कहीं और हैं। राजनीति में सक्रिय रहने के बजाय वे अपनी प्रोफेशनल जिंदगी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने हार के बाद नई रणनीति और भूमिकाओं पर विचार करना शुरू कर दिया है।

 

उप मुख्यमंत्री बनने का सपना अधूरा

चुनाव हारने के बाद मुकेश सहनी की राजनीति पर कई सवाल उठ रहे हैं। उनके बार-बार गठबंधन बदलने और पार्टी की दिशा बदलने वाले फैसलों ने उनकी विश्वसनीयता पर असर डाला है। कभी राजद की प्रेस कॉन्फ्रेंस से भागकर एनडीए ज्वाइन करना और कभी महागठबंधन में शामिल होना, इनके राजनीतिक सफर में उलझाव और बिरादरी के वोटों में बिखराव का कारण बना।

 

हार पर मुकेश सहनी की प्रतिक्रिया

मुकेश सहनी ने हार के बाद कहा, “अभी बिहार में रहकर क्या करें। हम अगले तीन महीने इंतजार करेंगे, फिर सक्रियता से आयेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अब वे विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और सरकार द्वारा जनता से किए गए वादों की निगरानी करेंगे। यदि सरकार अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं करती है, तो वीआईपी सड़क पर उतरकर विरोध जताएगी।

 

चुनाव आयोग पर सवाल

सहनी ने बिहार चुनाव 2025 के परिणामों पर भी सवाल उठाया और दावा किया कि चुनाव आयोग के कारण लोकतंत्र खतरे में है। उनका कहना है कि वोटरों के नाम हटाए गए और बीजेपी को जनादेश नहीं मिला। इस आधार पर वीआईपी अपनी राजनीति और जनहित के संघर्ष को आगे बढ़ाएगी।

 

मुकेश सहनी की यह टिप्पणी यह दर्शाती है कि हार के बावजूद वे राजनीतिक सक्रियता से दूर नहीं हैं और अगले कदमों की योजना बना रहे हैं।

 

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