Tuesday, December 30

सिस्टम को धमकाने की कोशिश न करें, हम अलग-थलग नहीं बैठे हैं: CJI सूर्यकांत

 

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उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली राहत पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेंगर की सजा के निलंबन आदेश को स्थगित करते हुए उसे फिलहाल जेल में ही रहने का निर्देश दिया है। इस मामले में कोर्ट ने सेंगर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई तय की है।

 

यह आदेश केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की उस याचिका पर दिया गया, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने न्यायिक व्यवस्था को धमकाने और न्यायाधीशों के खिलाफ सार्वजनिक आरोप लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई।

 

CJI सूर्यकांत ने कहा,

“व्यवस्था को धमकाने की कोशिश न करें। हमारे पास कुछ बेहतरीन न्यायाधीश हैं। अनजाने में गलतियां हो सकती हैं, लेकिन सिस्टम पर सवाल उठाने का यह तरीका स्वीकार्य नहीं है।”

 

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराने का आदेश भी न्यायपालिका ने ही पारित किया था। सुनवाई CJI सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति जॉर्ज मसीह की तीन सदस्यीय अवकाशकालीन पीठ के समक्ष हुई।

 

पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद सोशल मीडिया पर न्यायाधीशों के खिलाफ हुई टिप्पणियों और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर गहरी चिंता जताई। CJI सूर्यकांत ने इसे “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा,

“हम कोई अलग-थलग नहीं बैठे हैं। कुछ लोग इस स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।”

 

पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बहस अदालत के भीतर होनी चाहिए, सड़कों या सोशल मीडिया पर नहीं। कोर्ट ने यह भी माना कि आमतौर पर किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता छीनी नहीं जाती, लेकिन इस मामले में हालात अलग हैं क्योंकि सेंगर अन्य मामलों में भी जेल में बंद है।

 

सुनवाई के दौरान CBI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों का बचाव करते हुए कहा कि दोनों न्यायाधीश बेदाग ईमानदारी और उच्च प्रतिष्ठा वाले हैं। उन्होंने कहा कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का कोई भी प्रयास निंदनीय है।

 

 

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