
नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) का जनाधार अब धीरे-धीरे खिसकने लगा है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के आंकड़ों के अनुसार, बीते नवंबर 2025 में इंडिगो की घरेलू बाजार हिस्सेदारी घटकर 63.6% रह गई। यह इस साल का सबसे कम स्तर है।
माह-दर-माह बाजार हिस्सेदारी:
जनवरी 2025: 65.2%
फरवरी: 63.7%
मार्च: 64%
अप्रैल: 64.1%
मई: 64.6%
जून: 64.5%
जुलाई: 65.2%
अगस्त: 64.2%
सितंबर: 64.3%
अक्टूबर: 65.6%
नवंबर: 63.6%
क्यों घटा जनाधार:
नवंबर में इंडिगो के कई फ्लाइट्स रद्द किए गए थे। इसके बाद DGCA ने सर्दियों के शेड्यूल में 10% कटौती करने का आदेश दिया। उड़ानों में देरी और परिचालन संबंधी समस्याओं की बढ़ती शिकायतों के चलते शायद कुछ ग्राहक एयरलाइन से दूर होने लगे हैं।
प्रतिस्पर्धियों की बढ़ती ताकत:
एयर इंडिया ग्रुप (Air India + Air India Express): नवंबर में बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 26.7%
स्पाइसजेट (SpiceJet): 2.6% से बढ़कर 3.7%
अकासा एयर (Akasa Air): घटकर 4.7%
यात्रियों की संख्या और शिकायतें:
जनवरी से नवंबर 2025 तक भारतीय एयरलाइनों ने 1.526 करोड़ यात्रियों को सफर कराया, जो पिछले साल इसी अवधि में 1.464 करोड़ था, यानी 4.26% की सालाना वृद्धि।
DGCA के अनुसार, नवंबर में एयरलाइनों को 1,196 यात्री-संबंधी शिकायतें मिलीं, जिनमें से 50.6% उड़ान संबंधी, 17.9% बैगेज, और 12.5% रिफंड से जुड़ी थीं।
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिगो के लिए यह संकेत है कि परिचालन में सुधार और ग्राहकों की शिकायतों पर ध्यान न देने पर जनाधार में गिरावट आ सकती है। वहीं, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइनों के लिए यह बढ़त का अवसर है।