
उत्तराखंड के ऋषिकेश में रविवार को वनभूमि सर्वे के विरोध में स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़का और हालात बेकाबू हो गए। आक्रोशित लोगों ने रेलवे ट्रैक और हरिद्वार–ऋषिकेश नेशनल हाइवे पर कब्जा कर दिया, जिससे यातायात ठप हो गया। इस दौरान पत्थरबाजी में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए।
जानकारी के अनुसार, अमितग्राम, मनसा देवी, गीतानगर और आसपास के क्षेत्रों के लोग सर्वे का विरोध कर पहले हरिद्वार बाइपास जाम कर दिया। इसके बाद मनसा देवी फाटक पर रेलवे ट्रैक पर कब्जा किया, जबकि गीतानगर में नेशनल हाइवे पर नाकेबंदी की गई। दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक यह हंगामा चलता रहा।
रेलवे ट्रैक जाम होने से बाड़मेर एक्सप्रेस, कोच्चीवली एक्सप्रेस और योगा एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें घंटों रुकी रहीं। पैसेंजरों में डर और असमंजस का माहौल बना रहा। पुलिस ने ट्रैक खाली कराने के बाद वहां पड़े पत्थरों को हटाया।
रविवार अपराह्न करीब 3:30 बजे मनसा देवी फाटक के पास अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। भीड़ के आक्रमक होने पर वाहन चालकों ने अपनी गाड़ियाँ मोड़कर भागना शुरू किया और पैदल यात्रियों ने जान बचाने के लिए दौड़ लगाई। इस घटना में पुलिसकर्मी भी घिरे और पांच जवान घायल हुए।
स्थिति पर काबू पाने के लिए देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी जिलों से अतिरिक्त पुलिस फोर्स मंगाई गई। भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद शाम करीब 6 बजे हालात सामान्य हुए और रेलवे ट्रैक व हाईवे से भीड़ हटाई गई।
वन विभाग की टीम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मीरानगर, बापूग्राम, बीसबीघा, शिवाजीनगर, मनसा देवी, अमितग्राम, मालवीयनगर और नंदूफार्म सहित कई आबादी क्षेत्रों में सर्वे कर रही थी। इसी कार्रवाई के विरोध में स्थानीय लोगों का गुस्सा उभरा।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में है। रेलवे और हाईवे पर यातायात सामान्य हो चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरी घटना ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि दूर-दराज के राज्यों से आए रेल यात्रियों के लिए भी परेशानी खड़ी कर दी। कई घंटे तक फंसे यात्रियों को खाने-पीने और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा।