
नई दिल्ली। क्या आप घंटों पढ़ाई करते हैं, नोट्स भी बनाते हैं, रिवीजन भी करते हैं—फिर भी परीक्षा के समय सब धुंधला पड़ जाता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। यह समस्या आज के अधिकांश छात्रों को परेशान कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका कारण पढ़ाई की मात्रा नहीं, बल्कि पढ़ने का तरीका है।
कॉग्निटिव साइंस और शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि याददाश्त मजबूत करने के लिए केवल बार-बार पढ़ना काफी नहीं होता। रेयान एजुकेशन एकेडमिक्स की वाइस प्रेसिडेंट निधि थापर ने ऐसी 5 वैज्ञानिक रणनीतियां बताई हैं, जिन्हें अपनाकर छात्र पढ़ाई में वास्तविक बदलाव महसूस कर सकते हैं।
- एक्टिव रिकॉल: सिर्फ पढ़ें नहीं, खुद से पूछें
अधिकतर छात्र किताब या नोट्स को बार-बार पढ़ते हैं, जिसे पैसिव स्टडी कहा जाता है। इसके बजाय एक्टिव रिकॉल अपनाएं।
इसमें पढ़ने के बाद खुद से सवाल पूछना, उत्तर लिखना और याद से विषय समझाने की कोशिश करना शामिल है। शोध बताते हैं कि इस तरीके से दिमाग की मेमोरी स्ट्रॉन्ग होती है और परीक्षा में जानकारी आसानी से याद आती है।
- स्पेस्ड रिपीटिशन: समय-समय पर दोहराव जरूरी
एक बार पढ़ने से दिमाग धीरे-धीरे जानकारी भूलने लगता है, जिसे फॉरगेटिंग कर्व कहा जाता है।
स्पेस्ड रिपीटिशन में एक ही टॉपिक को 1 दिन, 3 दिन, 1 हफ्ते और 1 महीने के अंतराल पर दोहराया जाता है। इससे जानकारी लॉन्ग-टर्म मेमोरी में स्टोर होती है। आखिरी समय में रट्टा मारने की बजाय रोज थोड़ा-थोड़ा पढ़ना ज्यादा कारगर होता है।
- इंटरलीविंग: मिलते-जुलते विषय साथ पढ़ें
इस तकनीक में एक ही टॉपिक को लगातार पढ़ने की बजाय संबंधित विषयों को मिलाकर पढ़ा जाता है।
हालांकि यह तरीका थोड़ा कठिन लगता है, लेकिन यह छात्रों को परीक्षा में आने वाले अप्रत्याशित सवालों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करता है।
- ड्यूल कोडिंग: शब्दों के साथ तस्वीरें जोड़ें
केवल टेक्स्ट पढ़ने के बजाय अगर आप डायग्राम, फ्लोचार्ट, टाइमलाइन और ग्राफ का इस्तेमाल करते हैं, तो दिमाग में एक साथ कई प्रोसेस सक्रिय हो जाते हैं।
इसे ड्यूल कोडिंग कहा जाता है, जो जटिल विषयों को समझने और लंबे समय तक याद रखने में मदद करता है।
- सही समय, पर्याप्त नींद और एग्जाम जैसा अभ्यास
पढ़ाई के साथ-साथ नींद, टाइमिंग और मानसिक तैयारी भी उतनी ही जरूरी है।
कम नोट्स के साथ टाइम लिमिट में रिवीजन करें और खुद को परीक्षा जैसी स्थिति में रखें। इससे तनाव कम होगा और परीक्षा के दिन आत्मविश्वास बढ़ेगा।
निष्कर्ष
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर छात्र इन तरीकों को नियमित रूप से अपनाते हैं, तो न सिर्फ उनकी याददाश्त बेहतर होगी, बल्कि समझ भी गहरी होगी। पढ़ाई में सफलता का मंत्र सिर्फ ज्यादा पढ़ना नहीं, बल्कि सही तरीके से पढ़ना है।