
उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर आईपीएस अधिकारियों के कैडर प्रबंधन और मनोबल को बनाए रखने के लिए ‘स्पेशल डीजी’ पद सृजित करने पर विचार कर रही है। यह कदम उन अधिकारियों के लिए राहत का संकेत है, जो डीजी रैंक के लिए पात्र हैं, लेकिन पदों की कमी के कारण प्रमोशन से वंचित हैं।
वर्तमान में 1994 और 1995 बैच के 11 अधिकारी डीजी रैंक के लिए योग्य हैं, लेकिन पदों की कमी के कारण उनकी पदोन्नति नहीं हो पा रही। आने वाले एक जनवरी 2026 से 1996 बैच के सात अधिकारी भी 30 साल की सेवा पूरी करने के बाद डीजी पद के लिए पात्र हो जाएंगे। इस तरह डीजी रैंक के योग्य अधिकारियों की संख्या बढ़कर 18 हो जाएगी, जबकि यूपी कैडर में डीजी स्तर के केवल 14 पद (7 कैडर और 7 एक्स-कैडर) ही उपलब्ध हैं।
इस असंतुलन को दूर करने के लिए स्पेशल डीजी पद की आवश्यकता बढ़ गई है। इस पद को पहली बार 14 जनवरी 2011 को मायावती सरकार ने बनाया था और बाद में 30 मार्च 2023 को योगी सरकार ने इसे पुनर्जीवित किया था। इस बार चर्चा इसलिए भी जोर पकड़ रही है क्योंकि एडीजी (कानून-व्यवस्था) व एसटीएफ के अमिताभ यश, जो सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारियों में शामिल हैं, 1996 बैच से हैं और जल्द ही डीजी रैंक के लिए पात्र होंगे।
आईपीएस अफसरों की डीपीसी पूरी
यूपी पुलिस के वर्ष 2001, 2008, 2012 और 2013 बैच के अधिकारियों की डीपीसी बुधवार को संपन्न हो गई। इसके बाद जल्द ही गृह विभाग द्वारा प्रमोशन की अधिसूचना जारी की जाएगी। वर्ष 2001 बैच के तीन अधिकारी आईजी से एडीजी के पद पर, वर्ष 2008 बैच के अधिकारी डीआईजी से आईजी के पद पर और वर्ष 2012 बैच के अधिकारी डीआईजी पद पर प्रमोट होंगे। वहीं, वर्ष 2013 बैच के अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड और एसएसपी पद के लिए प्रमोशन मिलेगा।
कैडर स्थिति:
यूपी में आईपीएस की स्वीकृत संख्या: 541
वर्तमान में तैनात: 482 (37 केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर)
डीजी स्तर के पद: 14
एडीजी स्तर: 33
आईजी स्तर: 35 (स्वीकृत 51 के मुकाबले)
स्पेशल डीजी पद से वरिष्ठ अधिकारियों को प्रमोशन का मार्ग मिलेगा और कैडर में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।