Wednesday, December 24

घरौनी कानून क्या है? यूपी विधानसभा से पास, अब गांव के घरों पर भी मिलेगा बैंक लोन

 

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लखनऊ।

उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत देने वाला उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी विधेयक, 2025 (घरौनी कानून) विधानसभा से पारित हो गया है। इस कानून के लागू होने के बाद गांवों की आबादी भूमि पर बने मकानों को कानूनी मान्यता मिल जाएगी और ग्रामीण अपने घरौनी दस्तावेज के आधार पर बैंक लोन, बीमा और अन्य वित्तीय सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

 

अब तक गांवों में बने मकानों के स्वामित्व को लेकर स्पष्ट कानूनी दस्तावेज नहीं था, जिससे ग्रामीणों को ऋण लेने, नामांतरण कराने या संपत्ति विवाद सुलझाने में दिक्कत होती थी। नया कानून इन सभी समस्याओं का समाधान करेगा।

 

घरौनी को मिला कानूनी दर्जा

 

घरौनी कानून के पारित होने के साथ ही अब घरौनी को खतौनी की तरह आधिकारिक और कानूनी दस्तावेज का दर्जा मिल गया है। पहले यह केवल प्रशासनिक स्तर पर जारी होती थी, लेकिन अब इसे विधिक मान्यता प्राप्त हो गई है।

इसके तहत वरासत, विक्रय, उत्तराधिकार या अन्य कारणों से घरौनी में नामांतरण और संशोधन की प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट बनाया गया है। साथ ही मोबाइल नंबर, पता और अन्य विवरण अपडेट करने का भी प्रावधान किया गया है।

 

क्या है घरौनी कानून?

 

घरौनी ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आवासीय संपत्तियों के स्वामित्व का कानूनी प्रमाण है। ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए गांवों की मैपिंग कर हर घर का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है, जिसमें

 

  • मकान का पता

  • मालिक का नाम

  • भूखंड का क्षेत्रफल

  • रेखाचित्र और स्थानिक जानकारी

दर्ज होती है। इसी रिकॉर्ड को अब कानून का संरक्षण मिल गया है।

 

क्यों जरूरी था यह कानून?

 

सरकार के अनुसार, घरौनी कानून का उद्देश्य

 

  • ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का पक्का सबूत देना

  • नामांतरण और रिकॉर्ड सुधार को आसान बनाना

  • संपत्ति विवादों और अवैध कब्जों को कम करना

  • ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना

है। इससे ग्रामीण विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।

 

स्वामित्व योजना को मिली मजबूती

 

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विधानसभा में बताया कि यह कानून केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (PM SVAMITVA Scheme) के तहत लाया गया है। ड्रोन तकनीक से तैयार किए गए ग्रामीण आबादी क्षेत्रों के अभिलेखों को अब कानूनी मान्यता मिल गई है, जिससे उनका संरक्षण और प्रबंधन सुनिश्चित होगा।

 

ग्रामीणों को होंगे बड़े आर्थिक फायदे

 

घरौनी दस्तावेज के आधार पर ग्रामीण अब

 

बैंक से मकान निर्माण या मरम्मत के लिए लोन

बीमा सुविधाएं

सरकारी योजनाओं का लाभ

आसानी से ले सकेंगे। सही रिकॉर्ड उपलब्ध होने से संपत्ति कर निर्धारण, जीआईएस मैपिंग और ग्राम पंचायतों की विकास योजनाएं भी बेहतर ढंग से बनाई जा सकेंगी।

 

1.10 लाख से अधिक गांव योजना के दायरे में

 

मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 1,10,344 गांवों को इस योजना के तहत अधिसूचित किया गया है। इनमें से 90,573 गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है।

9 मई 2025 तक 1 करोड़ 6 लाख से अधिक घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं, जिनमें से 1 करोड़ 1 लाख से अधिक घरौनियां ग्रामीणों को वितरित की जा चुकी हैं।

 

संपत्ति विवादों में आएगी कमी

 

सरकार का कहना है कि घरौनी कानून से ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता बढ़ेगी, संपत्ति विवाद कम होंगे और योजनाबद्ध विकास को मजबूती मिलेगी। यह कानून ग्रामीण आबादी क्षेत्रों के लिए ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव वाला कदम माना जा रहा है।

 

 

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