
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा और पूर्व MLC रामलली मिश्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पीएमएलए 2002 के तहत इनके खिलाफ अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दाखिल की है। लखनऊ की CBI कोर्ट के स्पेशल जज ने 18 दिसंबर को इस शिकायत पर संज्ञान लिया।
ED ने यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इसके बाद, पुलिस ने 14 और 26 जुलाई 2023 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में ED ने अब तक 25 करोड़ 46 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच कर ली है।
आय से अधिक संपत्ति और पद का दुरुपयोग
जांच में सामने आया कि विजय मिश्रा और रामलली मिश्रा ने सरकारी पदों का गलत इस्तेमाल कर अपनी व्यक्तिगत कंपनियों के माध्यम से 36.07 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति इकट्ठा की। आरोप है कि इस धन को अवैध तरीके से कमाई गई बड़ी रकम के रूप में लॉन्ड्रिंग किया गया और बेनामी प्रॉपर्टी में निवेश किया गया।
ED के अनुसार, विजय मिश्रा और उनके परिवार ने आपराधिक गतिविधियों से अर्जित आय को वैध दिखाने के लिए व्यापारिक गतिविधियों का सहारा लिया। अपराध से अर्जित आय का एक हिस्सा लोन की आड़ में ट्रांसफर किया गया ताकि इसे बेदाग दिखाया जा सके।
अटैच की गई संपत्ति
अटैच की गई संपत्ति में प्रयागराज, नई दिल्ली, मुंबई और रीवा में मौजूद कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी शामिल है, जिसकी कुल कीमत 25.46 करोड़ रुपए है।
इस मामले में ED की जांच अभी जारी है और आगामी दिनों में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की संभावना है। विजय मिश्रा और रामलली मिश्रा के खिलाफ आपराधिक मामलों की लंबी फेहरिस्त भी इस जांच की गंभीरता को उजागर करती है।
इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश जाता है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग और अवैध कमाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।