Tuesday, December 23

लखनऊ के आलमबाग का नाम पड़ा नवाब वाजिद अली शाह की बेगम के नाम पर

 

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी नवाबी शानो-शौकत, तहजीब और गंगा-जमुनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। शहर के कई इलाकों के नाम नवाबों या उनकी बेगमों के नाम पर रखे गए हैं, जिनमें आलमबाग भी शामिल है।

 

आलमबाग का ऐतिहासिक महत्व:

इतिहासकार रवि भट्ट के अनुसार, आलमबाग का नाम अवध के नवाब वाजिद अली शाह की पहली बेगम आलमआरा बेगम के नाम पर पड़ा। नवाब ने अपनी बेगम के लिए इस इलाके में शानदार बाग और पैलेस बनवाया। तभी से यह क्षेत्र आलमबाग के नाम से मशहूर हो गया।

 

1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका:

आलमबाग में नवाबी महल, मस्जिद और खूबसूरत बगीचा स्थित था, जिसे 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किले में बदल दिया गया। अंग्रेज अधिकारियों सर जेम्स आउट्रम और बाद में सर कॉलिन कैंपबेल ने इस किले पर कई बार हमला किया। अंततः अंग्रेजों ने इसे कब्जे में लिया और सैन्य कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया।

 

आधुनिक आलमबाग:

आज आलमबाग लखनऊ का सबसे व्यस्त इलाका है। यह लखनऊ कैंट क्षेत्र में आता है और यहां कई रिहायशी इलाके हैं। आलमबाग में लखनऊ का सबसे बड़ा बस डिपो स्थित है, जो शहर और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ता है। यहां टैंपो, ई-रिक्शा और मेट्रो सेवाएं भी सुचारू रूप से चल रही हैं, जो सीधे चारबाग रेलवे स्टेशन और लखनऊ एयरपोर्ट से जुड़ी हैं।

 

आलमबाग का यह ऐतिहासिक और आधुनिक महत्व इसे लखनऊ के प्रमुख और व्यस्त इलाकों में शामिल करता है, जो नवाबी विरासत और आज के शहरी जीवन का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है।

 

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