Monday, December 22

Truecaller संकट में? CNAP फीचर के लागू होने से भारत में हो सकता है बड़ा बदलाव सरकारी टेक्नोलॉजी से कॉलर की पहचान अब बिना ऐप के होगी, भविष्य में Truecaller पर असरनई दिल्ली। भारत में Truecaller के करीब 25 करोड़ यूजर्स हैं, जो इसे मुख्य रूप से अनजान नंबरों की पहचान के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब सरकार के CNAP (Calling Name Presentation) फीचर के लागू होने के बाद यह स्थिति बदल सकती है। CNAP सीधे मोबाइल नेटवर्क पर उपलब्ध होगा, जिससे यूजर्स को कॉलर का नाम जानने के लिए किसी अलग ऐप की जरूरत नहीं होगी। CNAP क्या है और कैसे काम करेगा? CNAP एक नेटवर्क-लेवल फीचर है। इसके जरिए: • आपके फोन पर आने वाले कॉल पर सिर्फ नंबर नहीं, कॉल करने वाले का नाम भी दिखेगा। • इसके लिए किसी ऐप को इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होगी। • यूजर को अपनी प्राइवेसी परमिशन देने की आवश्यकता भी नहीं होगी। सरकार का उद्देश्य स्पैम कॉल को कम करना और यूजर्स को अधिक सुरक्षित बनाना है। Truecaller पर CNAP का असर Truecaller का मुख्य फीचर—कॉलर का नाम दिखाना—अब CNAP के जरिए मुफ्त और सीधे उपलब्ध होगा। इसका मतलब है: • नए फोन सेटअप करते समय यूजर्स अब Truecaller इंस्टॉल करने की जरूरत महसूस नहीं करेंगे। • Truecaller के बिजनेस मॉडल पर असर पड़ सकता है क्योंकि उसका प्रमुख फीचर टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। CNAP और Truecaller में फर्क • CNAP: कॉल करने वाले का KYC डेटा इस्तेमाल करके नाम दिखाता है। • Truecaller: नाम अक्सर यूजर्स द्वारा डाले जाते हैं (क्राउडसोर्स्ड)। इस वजह से CNAP द्वारा दिखाया गया नाम Truecaller की तुलना में अधिक विश्वसनीय और सही होगा। भविष्य क्या कहता है? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Truecaller समय रहते अपने बिजनेस मॉडल को बदल ले, तो वह अभी भी यूजर्स के लिए प्रासंगिक रह सकता है। लेकिन CNAP के लागू होने के बाद आम यूजर्स के लिए Truecaller का प्रमुख उपयोग—अनजान नंबर की पहचान—कम हो जाएगा। निष्कर्ष: CNAP फीचर के आने से भारत में कॉलर आईडेंटिफिकेशन का तरीका बदल जाएगा। अब यूजर्स बिना किसी ऐप के सीधे कॉल करने वाले का नाम देख पाएंगे। इस बदलाव से Truecaller के भविष्य पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, और ऐप को खुद को नया रूप देने की जरूरत होगी।

नई दिल्ली।
भारत में Truecaller के करीब 25 करोड़ यूजर्स हैं, जो इसे मुख्य रूप से अनजान नंबरों की पहचान के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब सरकार के CNAP (Calling Name Presentation) फीचर के लागू होने के बाद यह स्थिति बदल सकती है। CNAP सीधे मोबाइल नेटवर्क पर उपलब्ध होगा, जिससे यूजर्स को कॉलर का नाम जानने के लिए किसी अलग ऐप की जरूरत नहीं होगी।

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CNAP क्या है और कैसे काम करेगा?

CNAP एक नेटवर्क-लेवल फीचर है। इसके जरिए:

  • आपके फोन पर आने वाले कॉल पर सिर्फ नंबर नहीं, कॉल करने वाले का नाम भी दिखेगा।
  • इसके लिए किसी ऐप को इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होगी।
  • यूजर को अपनी प्राइवेसी परमिशन देने की आवश्यकता भी नहीं होगी।

सरकार का उद्देश्य स्पैम कॉल को कम करना और यूजर्स को अधिक सुरक्षित बनाना है।

Truecaller पर CNAP का असर

Truecaller का मुख्य फीचर—कॉलर का नाम दिखाना—अब CNAP के जरिए मुफ्त और सीधे उपलब्ध होगा। इसका मतलब है:

  • नए फोन सेटअप करते समय यूजर्स अब Truecaller इंस्टॉल करने की जरूरत महसूस नहीं करेंगे।
  • Truecaller के बिजनेस मॉडल पर असर पड़ सकता है क्योंकि उसका प्रमुख फीचर टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

CNAP और Truecaller में फर्क

  • CNAP: कॉल करने वाले का KYC डेटा इस्तेमाल करके नाम दिखाता है।
  • Truecaller: नाम अक्सर यूजर्स द्वारा डाले जाते हैं (क्राउडसोर्स्ड)।
    इस वजह से CNAP द्वारा दिखाया गया नाम Truecaller की तुलना में अधिक विश्वसनीय और सही होगा।

भविष्य क्या कहता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Truecaller समय रहते अपने बिजनेस मॉडल को बदल ले, तो वह अभी भी यूजर्स के लिए प्रासंगिक रह सकता है। लेकिन CNAP के लागू होने के बाद आम यूजर्स के लिए Truecaller का प्रमुख उपयोग—अनजान नंबर की पहचान—कम हो जाएगा।

निष्कर्ष:
CNAP फीचर के आने से भारत में कॉलर आईडेंटिफिकेशन का तरीका बदल जाएगा। अब यूजर्स बिना किसी ऐप के सीधे कॉल करने वाले का नाम देख पाएंगे। इस बदलाव से Truecaller के भविष्य पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, और ऐप को खुद को नया रूप देने की जरूरत होगी।

 

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