
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार उनकी पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में नहीं है और दोबारा गठबंधन की संभावना फिलहाल नहीं है।
🔹 लालू यादव का बयान
पटना स्थित राबड़ी देवी के सरकारी आवास में इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में लालू यादव ने कहा,
“अब हम नीतीश कुमार के संपर्क में नहीं हैं। इस बार बिहार चुनाव का मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है। अगर राजद की सरकार बनती है, तो बेरोजगारी खत्म करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी।”
स्वास्थ्य कारणों से चुनाव प्रचार से दूर रहने के बावजूद लालू यादव ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी इस बार नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने की पूरी तैयारी कर रही है।
🔹 लालू-नीतीश की 35 साल पुरानी सियासी कहानी
बिहार की राजनीति में लालू यादव और नीतीश कुमार का रिश्ता लंबे समय से उतार-चढ़ाव भरा रहा है। पिछले तीन दशकों में दोनों कभी विरोधी तो कभी सहयोगी रहे।
- 2015 और 2022 में: नीतीश ने राजद से हाथ मिलाकर यादव परिवार को सियासी केंद्र में वापस लाया।
- तेजस्वी यादव: दोनों बार उपमुख्यमंत्री बने।
- 2005 में: नीतीश ने लालू से अलग होकर कुर्मी-कोइरी, महादलित और पिछड़ी जातियों का नया समीकरण बनाया, जिससे बिहार की राजनीति में नया दौर शुरू हुआ।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, नीतीश की यह रणनीति भाजपा के बढ़ते प्रभाव को सीमित करने और यादव परिवार को सियासी तौर पर प्रासंगिक बनाए रखने में सफल रही।
🔹 चुनावी परिदृश्य
राजद और जदयू के बीच पुराने गठबंधन की टूटती कड़ी और लालू यादव का स्पष्ट बयान इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सियासी हलचल और रणनीति को और गरमा देने वाला है।
सार: लालू यादव ने नीतीश कुमार के साथ दोबारा गठबंधन की अटकलों को खारिज किया है और बेरोजगारी को चुनाव का मुख्य मुद्दा घोषित किया है। इससे बिहार की राजनीति में आगामी चरणों के लिए दिशा स्पष्ट हो गई है।