Saturday, December 20

बांग्लादेश में बढ़ता पाकिस्तान का प्रभाव, ISI बना ‘पूर्वी मोर्चा’, भारत की चिंता गंभीर

ढाका: बांग्लादेश पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा की चपेट में है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश के कई बड़े शहरों में प्रदर्शन और आगजनी हुई। हालात अब भी नियंत्रण से बाहर हैं।

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विश्लेषकों के अनुसार, इस अस्थिरता में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका अहम है। ढाका में ISI का एक विशेष सेल सक्रिय है, जिसमें उच्च पदस्थ सैन्य और इंटेलिजेंस अधिकारी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सेल का उद्देश्य युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ना और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देना है।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाल ही में ढाका में कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं, जिनके परिणामस्वरूप एक संयुक्त इंटेलिजेंस-शेयरिंग तंत्र तैयार हुआ। जबकि इस तंत्र को बंगाल की खाड़ी की निगरानी के लिए बताया गया, वास्तविक उद्देश्य भारत की पूर्वी सीमाओं पर नजर रखना है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के इस बढ़ते गठजोड़ और ढाका में ISI के प्रभाव से भारत की “नेबर फर्स्ट” नीति और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है। दिल्ली में नवंबर में हुए कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में भारत ने इस मामले को गंभीरता से उठाया।

बांग्लादेश में जारी अस्थिरता और बढ़ते कट्टरपंथी प्रभाव के बीच भारत की सतर्कता अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है।

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