Friday, December 19

सक्सेस स्टोरी: नक्सलियों में IPS अंकिता का खौफ, MBA छोड़ UPSC क्रैक कर बनी ‘लेडी सिंघम’

छत्तीसगढ़/नई दिल्ली: छोटे शहर से निकलकर छत्तीसगढ़ की पहली महिला IPS ऑफिसर बनने का गौरव हर किसी को नहीं मिलता, लेकिन अंकिता शर्मा ने यह मुकाम हासिल कर दिखाया। MBA की पढ़ाई बीच में छोड़कर सिविल सर्विस की तैयारी में जुटी अंकिता ने लगातार तीन प्रयासों में मेहनत कर UPSC 2018 में 203 रैंक हासिल की और IPS बनकर अपने देश की सेवा में जुट गईं।

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शुरुआत छोटे शहर से:
अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के छोटे शहर की रहने वाली हैं। सरकारी स्कूल से पढ़ाई शुरू की और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत से 10वीं में 92% और 12वीं में 90% अंक हासिल किए।

MBA छोड़ सिविल सर्विस की तैयारी:
ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने MBA की पढ़ाई शुरू की, लेकिन समाज में बदलाव और UPSC का सपना पूरा करने के लिए यह रास्ता बीच में छोड़ दिया। दिल्ली और फिर घर पर कठिन परिश्रम से UPSC की तैयारी की।

पहले दो प्रयास में मिली असफलता:
पहले प्रयास में मेन्स में केवल 15 अंकों से चूक गईं और दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स में ही अटक गईं। इन असफलताओं ने उन्हें कमजोरियों पर काम करने और तीसरे प्रयास में बेहतर रणनीति बनाने के लिए प्रेरित किया।

तीसरे प्रयास में सफलता:
2018 में तीसरे प्रयास में UPSC परीक्षा में 203 रैंक लेकर उन्होंने इतिहास रचा। इससे उन्हें छत्तीसगढ़ की पहली महिला IPS अधिकारी बनने का गौरव मिला।

नक्सल प्रभावित इलाकों में बहादुरी:
IPS बनने के बाद अंकिता ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई सफल अभियान चलाए। उनके साहस और निडर फैसलों के कारण नक्सलियों में उनका नाम सुनते ही खौफ फैल जाता है। इसी वजह से उन्हें ‘लेडी सिंघम’ के नाम से जाना जाता है।

युवा उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा:
अंकिता शर्मा की कहानी साबित करती है कि इच्छाशक्ति, अनुशासन और लगातार मेहनत से किसी भी बाधा या असफलता के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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