Friday, December 19

नकली और स्मगल की गई सिगरेट पर बड़ा एक्शन कोरियाई कंपनी की शिकायत पर दिल्ली-NCR में छापेमारी, लाखों सिगरेट जब्त

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की पान और सिगरेट दुकानों पर खुलेआम बिक रही कोरियाई सिगरेट ब्रांड ‘ESSE’ अब जांच के घेरे में आ गई है। जांच में सामने आया है कि बाजार में बिक रही यह सिगरेट न तो कानूनी रूप से आयात की गई थीं और न ही अधिकृत रूप से बेची जा रही थीं। ये सिगरेट या तो स्मगलिंग के जरिए लाई गई थीं या फिर नकली थीं।

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कोरियाई कंपनी KT&G की शिकायत पर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को दिल्ली और एनसीआर के 14 थोक विक्रेताओं के ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई। इस दौरान नकली ESSE ट्रेडमार्क वाली लाखों सिगरेट जब्त की गईं। छापेमारी के दौरान संबंधित विक्रेताओं के पास इन उत्पादों की कोई वैध खरीद या बिक्री से जुड़ी रिकॉर्डिंग नहीं मिली

हाई कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई केटी एंड जी (KT&G) और उसकी भारतीय पार्टनर कंपनी एस.एस. राणा एंड कंपनी द्वारा प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से की गई। कंपनी ने आरोप लगाया था कि उसके ट्रेडमार्क का दुरुपयोग कर दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर नकली सिगरेट की सप्लाई की जा रही है।

हाई कोर्ट में दायर याचिका में कुल 14 आरोपियों को नामजद किया गया था, जिनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।

देशभर में होगा अभियान

एस.एस. राणा एंड कंपनी ने बताया कि यह अभियान केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगा। कोर्ट के निर्देश पर जल्द ही मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में भी इसी तरह की छापेमारी की जाएगी।

केटी एंड जी के आईपी डिवीजन के निदेशक यंग-हुन किम ने कहा कि कंपनी अपने ESSE ट्रेडमार्क के दुरुपयोग को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी और उपभोक्ताओं को नकली उत्पादों से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाते रहेंगे।

सरकारी राजस्व को हो रहा भारी नुकसान

एस.एस. राणा एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर विक्रांत राणा ने कहा कि भारत में नकली और गैर-कानूनी सिगरेट का कारोबार सरकारी राजस्व के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।
उन्होंने बताया कि स्मगल की गई सिगरेट पर कोई टैक्स या शुल्क नहीं दिया जाता, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होता है। यदि सिगरेट कानूनी तरीके से आयात और बिक्री के जरिए आएं, तो सरकारी खजाने को बड़ा लाभ हो सकता है।

स्वास्थ्य नियमों की भी धज्जियां

नकली सिगरेट न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि स्वास्थ्य नियमों का भी पालन नहीं करतीं
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी Cigarettes and Other Tobacco Products (Packaging and Labelling) Amendment Rules, 2024 के तहत 1 जून 2025 से सभी सिगरेट पैकों पर स्पष्ट पिक्टोरियल वार्निंग अनिवार्य है।

नियमों के अनुसार, पैक पर बड़े अक्षरों में
“TOBACCO CAUSES PAINFUL DEATH”
लिखा होना चाहिए और कैंसर पीड़ित व्यक्ति की तस्वीर भी अनिवार्य है। जब्त की गई नकली सिगरेट इन मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

खुलेआम बिक्री पर सवाल

सबसे बड़ा सवाल यह है कि कनॉट प्लेस से लेकर नोएडा की फिल्म सिटी तक ये सिगरेट कैसे खुलेआम बिकती रहीं। यह मामला न सिर्फ तंबाकू माफिया की सक्रियता को उजागर करता है, बल्कि निगरानी तंत्र पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है

प्रवर्तन एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े अन्य बड़े नामों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है

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