
रांची/नई दिल्ली। मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) के नाम पर आम लोगों को मोटे मुनाफे का सपना दिखाकर 307 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स मैक्सिजोन टच प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर चंदर भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका सिंह को गिरफ्तार किया है। ईडी की यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी के रांची जोनल कार्यालय ने 16 दिसंबर को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया है कि यह मामला एक बड़े संगठित वित्तीय धोखाधड़ी का है, जिसमें हजारों लोगों की गाढ़ी कमाई को छलपूर्वक हड़प लिया गया।
ऊंचे रिटर्न का लालच, रेफरल का झांसा
ईडी की जांच के अनुसार, चंदर भूषण सिंह और प्रियंका सिंह ने एक फर्जी मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम चलाई। इसमें आम जनता को हर महीने ऊंचा रिटर्न और नए लोगों को जोड़ने पर आकर्षक रेफरल बोनस देने का वादा किया जाता था। इसी झांसे में आकर लोगों ने बड़ी मात्रा में पैसा निवेश कर दिया।
इस स्कीम के जरिए आरोपियों ने कम से कम 21 बैंक खातों में 307 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई। यह पूरी रकम अवैध तरीके से हासिल की गई थी, जिसे बाद में अलग-अलग तरीकों से छिपाने और घुमाने की कोशिश की गई।
तीन साल से थे फरार
जांच में यह भी सामने आया कि पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी फरार हो गए थे। पिछले तीन वर्षों से वे जानबूझकर कानून से बचते रहे और झारखंड, राजस्थान और असम की पुलिस समेत अन्य जांच एजेंसियों की नजर से दूर रहे। गिरफ्तारी से बचने के लिए वे लगातार ठिकाने बदलते रहे।
रियल एस्टेट में खपाया ठगी का पैसा
ईडी के अनुसार, आरोपियों ने ठगी से जुटाए गए पैसे को बेनामी लेनदेन के जरिए रियल एस्टेट में निवेश किया। अवैध धन को वैध दिखाने के लिए नकदी में बदलना, संपत्तियां खरीदना और फर्जी नामों का इस्तेमाल किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए चंदर भूषण सिंह ने ‘दीपक सिंह’ जैसे नकली नाम और जाली पहचान पत्रों का सहारा लिया।
तलाशी में मिले चौंकाने वाले सबूत
ईडी ने झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इसके तहत 16 सितंबर और 3 दिसंबर को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, वैशाली (बिहार), मेरठ, रांची और देहरादून में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
तलाशी के दौरान ईडी को भारी मात्रा में सबूत मिले, जिनमें शामिल हैं—
- जाली पहचान पत्र और फर्जी दस्तावेज
- हाथ से लिखी डायरियां और नोट्स, जिनमें नकद और वित्तीय लेनदेन का विवरण
- 10 लाख रुपये से अधिक नकद
- विभिन्न संस्थाओं की चेकबुक
- लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे डिजिटल सबूत
- 15,000 यूएसडीटी की क्रिप्टोकरेंसी
- कई रियल एस्टेट संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज और समझौते
ईडी हिरासत में आरोपी
गिरफ्तारी के बाद चंदर भूषण सिंह को विशेष न्यायालय, रांची (PMLA) ने पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। जांच एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले में और भी लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर चेतावनी देता है कि ऊंचे मुनाफे के लालच में बिना जांच-पड़ताल के निवेश करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है।