
मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले ने एक बार फिर खेल प्रतिभा के दम पर राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान मजबूत की है। बास्केटबॉल, कुश्ती और वेटलिफ्टिंग के बाद अब क्रिकेट में भी मऊ का नाम रोशन हुआ है। जिले के होनहार क्रिकेटर रवि सिंह (24 वर्ष) ने आईपीएल नीलामी में शानदार सफलता हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है। आईपीएल ऑक्शन में पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन पर 90 लाख रुपये की बोली लगाई, लेकिन अंततः राजस्थान रॉयल्स ने 95 लाख रुपये की बोली लगाकर उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।
बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर रवि सिंह के लिए यह आईपीएल में कदम रखने का पहला बड़ा अवसर है। स्कूल के खेल मैदान से शुरू हुआ उनका यह सफर आज देश की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग तक पहुंच गया है, जो न केवल मऊ बल्कि पूरे पूर्वांचल के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है।
साधारण परिवार, असाधारण सफलता
रवि सिंह के पिता पृथ्वीराज सिंह वाराणसी में विजिलेंस विभाग में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। रवि ने वाराणसी से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की और साथ ही क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को कभी कम नहीं होने दिया। पिता के अनुसार, रवि का अधिकांश समय खेल मैदान में ही बीतता था और उसी मेहनत का नतीजा आज पूरे देश के सामने है। तीन भाइयों में रवि मझोले हैं—बड़े भाई पीएससी में कार्यरत हैं, जबकि छोटा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है।
जूनियर स्तर से राष्ट्रीय पहचान तक
रवि सिंह ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की अंडर-16 टीम से खेलते हुए वर्ष 2015-16 की विजय मर्चेंट ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद अंडर-17 और 61वीं व 62वीं राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिताओं में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
कोच सौरभ दुबे का मार्गदर्शन बना टर्निंग पॉइंट
वर्ष 2020 में लखनऊ की आरईपीएल एकेडमी में कोच सौरभ दुबे का साथ मिलने के बाद रवि सिंह के करियर ने नई उड़ान भरी। घरेलू क्रिकेट में अब तक खेले गए 10 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 175 की स्ट्राइक रेट से 295 रन, जिसमें दो अर्द्धशतक शामिल हैं, बनाकर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में विदर्भ के खिलाफ नाबाद 68 रन की दमदार पारी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
सफलता का श्रेय माता-पिता और कोच को
आईपीएल में चयन के बाद एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में रवि सिंह ने कहा कि उनकी इस उपलब्धि के पीछे माता-पिता और कोच का अहम योगदान है। उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया और कोच सौरभ दुबे ने मुझे सही दिशा दिखाई। आज मैं जो कुछ भी हूं, उन्हीं की वजह से हूं।”
रवि सिंह के आईपीएल में चयन से मऊ और वाराणसी में जश्न का माहौल है। उनकी यह सफलता न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए यह संदेश है कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से किसी भी मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।