
बिलासपुर/पचपेड़ी। जिले के पचपेड़ी क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां मछली पकड़ने गए एक ग्रामीण की करंट लगने से मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि मृतक के साथ मौजूद उसके दोस्तों ने घटना की सूचना देने के बजाय शव को नाले में छिपाया और बाद में शिवनाथ नदी में बहा दिया। यह सनसनीखेज मामला चार महीने बाद सामने आया, जब आरोपियों ने खुद सच्चाई कबूल की।
जुलाई 2025 में हुई थी दर्दनाक घटना
पचपेड़ी थाना क्षेत्र के रहने वाले पुनीराम कंवर (45) जुलाई 2025 में अपने दोस्तों टूकचंद, सरजू, फिरंता कंवर और गोपी ध्रुव के साथ कुकुकर्दी-हरदी गांव के पास नाले में मछली पकड़ने गए थे। मछली पकड़ने के लिए उन्होंने बिजली के खंभे से अवैध रूप से करंट का इस्तेमाल किया। इसी दौरान करंट की चपेट में आकर पुनीराम की मौके पर ही मौत हो गई।
घबराए दोस्तों ने छिपाया शव
घटना के बाद चारों दोस्त घबरा गए। उन्होंने तत्काल बिजली का तार हटाया और पुनीराम के शव को नाले में छिपा दिया। बाद में रात के अंधेरे में शव को उठाकर शिवनाथ नदी में बहा दिया। उस समय बारिश का मौसम था और नदी का तेज बहाव शव को अपने साथ बहा ले गया।
चार महीने तक दबा रहा मामला
करीब चार महीने तक इस घटना की किसी को भनक नहीं लगी। इस दौरान पुनीराम के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। हाल ही में जब पुलिस ने लंबित मामलों की दोबारा जांच शुरू की और गांव में पूछताछ बढ़ाई, तो आरोपी दबाव में आ गए।
गांव में 4 लाख का समझौता
पुलिस पूछताछ के डर से आरोपियों ने गांव के लोगों और मृतक के परिजनों को पूरी घटना बता दी। इसके बाद गांव में बैठक हुई, जहां आरोपियों ने चार लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति जताई। परिजन इस खुलासे से सदमे में आ गए और मामले की सूचना तुरंत पचपेड़ी पुलिस को दी गई।
पुलिस जांच में जुटी
थाना प्रभारी राज सिंह ने बताया कि 23 जुलाई को दर्ज गुमशुदगी रिपोर्ट के आधार पर मामले की दोबारा जांच की गई, जिसके बाद यह पूरा सच सामने आया। फिलहाल पुलिस मौत के कारण, सबूत छिपाने और अवैध करंट उपयोग जैसे पहलुओं की गहन जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।