
अंडर-19 एशिया कप 2025 में भारतीय क्रिकेट का भविष्य एक बार फिर पूरी चमक के साथ सामने आया। दुबई के द सेवेंस स्टेडियम में मलेशिया के खिलाफ खेले गए मुकाबले में भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज अभिज्ञान कुंडू ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसने पूरे क्रिकेट जगत का ध्यान खींच लिया। मात्र 17 वर्ष की उम्र में कुंडू ने 121 गेंदों पर दोहरा शतक जड़ते हुए इतिहास रच दिया और अंडर-19 एशिया कप में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए।
वैभव सूर्यवंशी का रिकॉर्ड चूर-चूर
इससे पहले यह रिकॉर्ड वैभव सूर्यवंशी के नाम था, जिन्होंने यूएई के खिलाफ 171 रन बनाए थे। लेकिन कुंडू ने इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए उसे काफी पीछे छोड़ दिया। वह अंडर-19 एशिया कप में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी बन गए हैं।
80 गेंदों में शतक, 121 गेंदों में 200 रन
भारत के लिए 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे अभिज्ञान कुंडू ने संकट की घड़ी में जिम्मेदारी संभाली। शुरुआती तीन विकेट गिरने के बाद उन्होंने वेदांत त्रिवेदी के साथ पारी को संभाला और फिर आक्रामक रुख अपना लिया।
- 80 गेंदों में शतक
- 121 गेंदों में दोहरा शतक
- कुल पारी: 125 गेंदों पर नाबाद 209 रन
इस ऐतिहासिक पारी में उनके बल्ले से 16 चौके और 9 छक्के निकले।
भारत का विशाल स्कोर – 408 रन
कुंडू की विस्फोटक पारी की बदौलत भारतीय अंडर-19 टीम ने 7 विकेट पर 408 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
- वेदांत त्रिवेदी: 90 रन
- वैभव सूर्यवंशी: 26 गेंदों में 50 रन
मलेशिया की ओर से मुहम्मद अकरम ने संघर्ष करते हुए 89 रन देकर 5 विकेट लिए।
रिकॉर्ड बुक में नहीं जुड़ेंगे रन
हालांकि यह ऐतिहासिक पारी यूथ वनडे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होगी, क्योंकि मलेशिया आईसीसी का फुल मेंबर नहीं है और इस कारण मुकाबले को आधिकारिक अंडर-19 अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान के समीर मिन्हास और बांग्लादेश के सौम्य सरकार के बड़े स्कोर रिकॉर्ड बुक से बाहर रह चुके हैं।
आंकड़े जो भविष्य की कहानी कहते हैं
अभिज्ञान कुंडू इससे पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दो यूथ वनडे में अर्धशतक जमा चुके हैं।
अब तक उन्होंने भारत के लिए
- 10 अंडर-19 वनडे मैच
- 391 रन
- औसत 65
- स्ट्राइक रेट 106
से अपने दमखम का परिचय दिया है।
निष्कर्ष:
अंडर-19 एशिया कप में अभिज्ञान कुंडू का यह दोहरा शतक केवल एक पारी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। भले ही यह रिकॉर्ड आधिकारिक आंकड़ों में न जुड़ पाए, लेकिन क्रिकेट इतिहास और चयनकर्ताओं की नजरों में यह पारी लंबे समय तक याद रखी जाएगी।