Monday, December 15

FIIs ने हर घंटे बेचे ₹152 करोड़ के शेयर, घरेलू निवेशकों ने थामा बाज़ार

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली इस साल चर्चा का विषय रही है। 2025 में FIIs हर ट्रेडिंग घंटे में करीब ₹152 करोड़ के शेयर बेच चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी ने मजबूती बनाए रखी। इसका कारण घरेलू निवेशकों का लगातार बाजार में निवेश करना है।

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FIIs की बिकवाली का आंकड़ा

  • साल 2025 में FIIs ने 2.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर सेकेंडरी मार्केट में बेचे।
  • इसे ट्रेडिंग दिनों में बांटा जाए, तो हर दिन लगभग ₹900 करोड़ की बिकवाली हुई।
  • दिसंबर में अब तक FIIs ने लगभग 15,959 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

घरेलू निवेशकों ने बाजार को संभाला

  • इसी अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने लगभग 39,965 करोड़ रुपये के शेयर खरीदकर बाजार को स्थिर रखा।
  • छोटे निवेशक और SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए लगातार निवेश ने FIIs की बिकवाली का असर कम कर दिया।

रिटेल निवेशकों की बढ़ती भूमिका

  • Geojit Investments के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट VK विजयकुमार के अनुसार, पिछले तीन महीनों में SIP में 29,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया है।
  • इस लगातार निवेश से DIIs FIIs की बिकवाली झेल पाने में सक्षम हैं।
  • उनका कहना है कि जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही हो और कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी की उम्मीद हो, तो FIIs के लिए लगातार शॉर्ट पोजीशन रखना मुश्किल हो जाता है।

FIIs का प्राइमरी मार्केट में भरोसा

  • भले ही सेकेंडरी मार्केट में बिकवाली हो रही है, FIIs ने प्राइमरी मार्केट में लगभग 67,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
  • इसमें IPO और अन्य पूंजी जुटाने वाले कार्यक्रम शामिल हैं।
  • यह निवेश भारत की लंबी अवधि की विकास गाथा में विदेशी निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।

निष्कर्ष:
FIIs की लगातार बिकवाली के बावजूद भारतीय शेयर बाजार स्थिर बना हुआ है। घरेलू निवेशकों, खासकर SIP के माध्यम से छोटे निवेशकों के निरंतर योगदान ने बाजार की मजबूती को साबित किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भारत की इक्विटी इकोसिस्टम की बढ़ती परिपक्वता और लंबी अवधि के विकास की क्षमता को दर्शाता है।

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