
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे यह 5.25% पर आ गया। इस फैसले का सीधा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI ने अपने सभी प्रमुख लोन बेंचमार्क दरों में कटौती की है। बैंक ने अपनी MCLR, EBLR और RLLR दरों के साथ-साथ BPLR और बेस रेट में भी बदलाव किया है। इससे रिटेल और कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए लोन लेना सस्ता होगा और EMI कम होने की उम्मीद है।
MCLR में कितनी कमी हुई
SBI ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) को विभिन्न अवधि के लोन के लिए घटाया है।
- ओवरनाइट और 1 महीने की MCLR: 7.90% से घटकर 7.85%
- 3 महीने की MCLR: 8.30% से घटकर 8.25%
- 6 महीने की MCLR: 8.65% से घटकर 8.60%
- 1 साल की MCLR: 8.75% से घटकर 8.70%
- 2 और 3 साल की MCLR: 5 बेसिस पॉइंट की कमी
इस कटौती से होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य विभिन्न प्रकार के लोन पर ग्राहकों को थोड़ी राहत मिलेगी।
EBLR और RLLR में भी कटौती
SBI ने अपनी एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में भी कमी की है। यह नई दरें 15 दिसंबर 2025 से लागू होंगी।
- EBLR: 8.15% से घटकर 7.90%
- RLLR: 7.75% से घटकर 7.50%
इन बेंचमार्क दरों से जुड़े लोन वाले ग्राहकों को जल्दी ही ब्याज दर और EMI में कमी दिखाई देगी। यह कमी लोन की शर्तों और जोखिम श्रेणी पर निर्भर करेगी।
EMI में कितनी राहत मिलेगी?
मान लीजिए किसी ग्राहक ने ₹25 लाख का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है, तो MCLR और RLLR कटौती के बाद EMI में करीब ₹1,200 से ₹1,500 प्रति माह की बचत हो सकती है। बड़े लोन, जैसे ₹50 लाख या ₹75 लाख, पर यह बचत और ज्यादा होगी।
निष्कर्ष:
रेपो रेट में हाल की कटौती और SBI द्वारा ब्याज दरों में कमी, लोन ग्राहकों के लिए राहत का बड़ा मौका है। अब EMI का बोझ कम होगा और लोन लेना थोड़ा आसान हो जाएगा।