
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। आजमगढ़ जिला जेल से हत्या के आरोपी कैदी के अस्पताल से फरार होने की घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। यह घटना मंडल की जेलों में लगातार बढ़ रही सुरक्षा चूक की एक नई मिसाल बन गई है।
जानकारी के अनुसार फरार कैदी उदय पुत्र जसवंत, मूल रूप से गुजरात निवासी और वर्तमान में गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पादरी बाजार मोहल्ला निवासी था। वह फरेंदा क्षेत्र, महराजगंज में दर्ज हत्या के मामले में जेल में बंद था। पहले उसे गोरखपुर जिला जेल में रखा गया था, जहां से 6 सितंबर 2021 को प्रशासनिक आधार पर आजमगढ़ जिला जेल स्थानांतरित किया गया था।
अस्पताल में फरारी का फिल्मी स्टाइल
कैदी को पाइल्स की गंभीर समस्या थी, जिसके चलते उसे हर 15 दिन में इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता था। 6 दिसंबर को उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे आजमगढ़ मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार सुबह उदय ने टॉयलेट जाने का बहाना बनाकर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को चकमा दिया और फरार हो गया।
कैदी की तलाश में पुलिस और जेल प्रशासन ने तुरंत अभियान शुरू किया, लेकिन काफी देर तक उसका कोई सुराग नहीं मिला। इस पर जेल प्रशासन ने आजमगढ़ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।
फरार कैदी पर इनाम
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़, डॉ. अनिल कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि फरार कैदी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं और खोज अभियान तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही कैदी की गिरफ्तारी को सुनिश्चित करने के लिए उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
यह घटना मंडल की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है और सवाल उठाती है कि चार वर्षों से निरुद्ध रहे कैदी को अस्पताल में इतनी आसानी से फरार होने का मौका कैसे मिल गया। पुलिस का कहना है कि जल्द ही कैदी को गिरफ्तार करने का प्रयास जारी है।