Saturday, December 13

हवाई किराए पूरे साल नियंत्रित करना संभव नहीं, मांग–आपूर्ति तय करती है दाम: सिविल एविएशन मंत्री

नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस से जुड़े संकट और बढ़ते हवाई किरायों के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने लोकसभा में सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि हवाई किरायों को पूरे वर्ष नियंत्रित करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अंतिम किराया मांग और आपूर्ति के सिद्धांत से तय होता है और विशेषकर त्योहारों के मौसम में हवाई किरायों में बढ़ोतरी स्वाभाविक है।

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मंत्री ने सदन को बताया कि सरकार यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए नियामक व्यवस्था बनाए रखती है, लेकिन बाजार की वास्तविकताओं को पूरी तरह नजरअंदाज कर किरायों पर सालभर नियंत्रण नहीं लगाया जा सकता।

डीजीसीए की सख्ती, चार अधिकारी हटाए गए
इंडिगो संकट को गंभीरता से लेते हुए विमानन नियामक डीजीसीए ने कड़ा कदम उठाया है। इंडिगो की निगरानी से जुड़े डीजीसीए विंग में लापरवाही पाए जाने पर डिप्टी चीफ फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर (CFOI) समेत चार अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है। इस कार्रवाई को यात्रियों की सुरक्षा और नियामकीय जवाबदेही के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

बाहरी अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ से जांच कराएगी इंडिगो
इंडिगो के बोर्ड ने संकट की गहराई से जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाहरी विशेषज्ञ को नियुक्त करने का फैसला किया है। इसके तहत चीफ एविएशन एडवाइजर्स LLC को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस जांच का नेतृत्व वैश्विक ख्याति प्राप्त एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन जॉन इल्सन करेंगे, जिन्हें अमेरिकी विमानन नियामक FAA के साथ-साथ ICAO और IATA जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में चार दशकों का अनुभव है।
इसी क्रम में इंडिगो के सीईओ ने शुक्रवार को डीजीसीए के समक्ष एयरलाइंस से जुड़े सभी जरूरी तथ्य और विवरण भी प्रस्तुत किए।

रद्द उड़ानों के टिकट का रिफंड शुरू
इंडिगो की कई उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और कई यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे। यात्रियों की बढ़ती शिकायतों और विवाद को देखते हुए सरकार और डीजीसीए सक्रिय हुए, जिसके बाद इंडिगो ने रद्द टिकटों का रिफंड देना शुरू कर दिया है।

एयरलाइंस ने बयान जारी कर कहा है कि उसकी टीमें रिफंड प्रक्रिया और मुआवजा भुगतान पर पूरी गंभीरता से काम कर रही हैं। कंपनी के अनुसार दिसंबर 2025 तक प्राथमिकता यह सुनिश्चित करने की है कि प्रभावित सभी यात्रियों को उनका रिफंड तेजी और पारदर्शिता के साथ मिल जाए। इंडिगो ने दावा किया है कि अधिकांश रिफंड पहले ही पूरे किए जा चुके हैं, जबकि शेष मामलों का निपटारा भी शीघ्र कर दिया जाएगा।

सरकार और नियामक एजेंसियों की नजर अब पूरे मामले पर बनी हुई है, ताकि भविष्य में यात्रियों को ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

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