
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के बेड़े में शामिल स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ध्रुव ALH) अब बड़े पैमाने पर अपग्रेड और मॉडिफिकेशन से गुजरेंगे। यह कदम इस साल जनवरी में कोस्ट गार्ड हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद स्थापित जांच कमेटी की सिफारिश के बाद उठाया गया है।
मुख्य बातें:
- कायापलट का दायरा: हेलीकॉप्टरों के महत्वपूर्ण कल-पुर्जे और उपकरणों को अपग्रेड किया जाएगा। प्रत्येक बैच का अपग्रेडिंग कार्य लगभग 6 महीने में पूरा होगा।
- एनआरएसबी पर फोकस: नॉन-रोटेटिंग स्वैशप्लेट बेयरिंग (NRSB) को बेहतर बनाने की सिफारिश की गई है, जो फ्लाइट कंट्रोल इनपुट को मेन रोटर ब्लेड तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है।
- कुल 28 हेलीकॉप्टरों का सुधार: नेवी और कोस्ट गार्ड के सभी 28 ध्रुव हेलीकॉप्टरों को इस प्रक्रिया से गुज़रना होगा, उसके बाद ही उन्हें उड़ान भरने की अनुमति मिलेगी।
क्रैश और उसकी पड़ताल:
- 5 जनवरी, 2025 को पोरबंदर में कोस्ट गार्ड हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें तीन कर्मियों की जान चली गई थी।
- कमेटी ने पाया कि यह दुर्घटना NRSB की कमजोरी के कारण हुई थी, जो विशेषकर खारे वातावरण और डेक लैंडिंग जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावित होती है।
- आर्मी और एयरफोर्स के ध्रुव हेलीकॉप्टरों में कोई समस्या नहीं पाई गई, इसलिए उन्हें पहले ही उड़ानों की अनुमति दी जा चुकी है।
ध्रुव हेलीकॉप्टर की विशेषताएं:
- ध्रुव ALH 25 सालों से भारतीय सशस्त्र सेनाओं की सेवा में है।
- यह 5.5 टन का दो इंजनों वाला मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जिसकी पूरी डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग भारत में हुई है।
- जून 2024 तक इसके 345 यूनिट तैयार हो चुकी थीं।
- 2023 से हुई चार घटनाओं ने इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई थी।
निष्कर्ष:
यह अपग्रेडिंग और मॉडिफिकेशन भारत की सशस्त्र सेनाओं में स्वदेशी तकनीक पर भरोसा और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में ये हेलीकॉप्टर नई क्षमताओं के साथ फिर से नेवी और कोस्ट गार्ड बेड़े की सेवा में शामिल होंगे।